कृष्णा भारद्वाज ने बताया कि रामा की कौन-सी बात उसे बनाती है खास
सोनी सब जल्द ही ‘तेनाली रामा’ नये एपिसोड्स लेकर हाजिर होगा। जहां रामा का लक्ष्य होगा, अपनी अद्भुत चतुराई और बुद्धि का प्रयोग कर विजयनगर में परेशानी पैदा करने वाली समस्याओं का समाधान करना।
दर्शकों को अपने प्यारे पंडित रामाकृष्णा की बड़ी याद आयी, जिसने उन्हें सिखाया कि किस तरह हर परिस्थिति को समझदारी के साथ सुलझाया जाये और पहले से और भी ज्यादा आत्मविश्वास के साथ उबरा जाये। इस किरदार और शो को दर्शकों ने अपना ढेर-सारा प्यार दिया। वहीं रामा का किरदार निभा रहे कृष्णा भारद्वाजने बताया कि उनके लिये यह भूमिका इतनी खास क्यों है और उन्होंने रामा के किरदार से क्या सीखा।
पंडित रामाकृष्णा एक भारतीय कवि, विद्वान, विचारक और राजा कृष्णदेवराय के दरबार में एक विशेष सलाहकार थे । इस भूमिका को निभाते हुए, कृष्णा भारद्वाज ने पंडित रामा की कहानियां पेश कीं और हर कहानी के माध्यम से उन्हें किसी ना किसी रूप में प्रेरित किया। वैसे इस किरदार का प्रभाव कृष्णा भारद्वाज की जिंदगी पर भी काफी पड़ा है।
उन्होंने रामा की एक खूबी का खासतौर से जिक्र करते हुए कहा कि वह हर हाल में खुश रहता है। ‘’रामा ने मुझे जीवन और फिलॉसफी के बारे में काफी सारी चीजें सिखायीं। साथ ही किसी समस्या का हल किस तरह निकालना है इसके बारे में सिखाया। इस किरदार ने मुझे सबसे अहम बात यह सिखायी कि जीवन को किस तरह से जिंदादिली से जिया जाये। ‘तेनाली रामा’ का हिस्सा बनने से पहले मैं इतना खुशमिजाज इंसान नहीं था। इस किरदार ने मुझे ज्यादा खुशमिजाज इंसान बनाया है,क्योंकि मैं पहले से ज्यादा मुस्कुराने लगा हूं, ज्यादा हंसता हूं और अब जिंदगी को एक अलग नजरिये से देखता हूं। रामा को कोई भी चीज ज्यादा समय तक परेशान नहीं करती और ऐसा ही होना चाहिये।‘’
हर कहानी ने दर्शकों को कुछ नया सिखाया क्योंकि रामा ने हर अलग तरह के मामलों को अपनी चतुराई और बुद्धि का इस्तेमाल कर सुलझाया है। हालांकि, खासतौर से एक कहानी ने कृष्णा भारद्वाज को जीवन का सबक सिखाया है। इस बारे में वह कहते हैं, ‘’इस शो में एक ट्रैक था जहां महाराज कृष्णदेवराय, रामा से विजयनगर में 8 मूर्खों की तलाश करने को कहते हैं। इस पर रामा का लाजवाब कर देने वाला उत्तर मिलता है कि सबसे बड़ा मूर्ख तो खुद पंडित रामाकृष्णा और राजा कृष्णदेवराय हैं। इसके पीछे की सोच यह होती है कि ज्ञान या किसी भी मामले में दूसरों को खुद से कमतर समझना अपने आपमें मूर्खता है। इस सबक को मैं जीवन भर गांठ बांधकर अपने साथ रखूंगा और उसका पालन करूंगा।‘’