रवीन्द्रालय लान में नीरज को समर्पित राष्ट्रीय पुस्तक मेला शुरू
लखनऊ, 05 सितम्बर 2018: ‘ज्ञान और सूचना के संसाधन बढ़े हैं किन्तु किताबों का महत्व न कम हुआ है न होगी। हमारी संस्कृति में परम्परा से किताबें हमारी मित्र रही हैं। किताबों के साथ लेखक, प्रकाशक और पाठक का चक्र चलता है। ऐसे मेलों से ये चक्र आसान बनता है साथ ही पठन-पाठन संस्कृति भी बढ़ती है। पुस्तकों के संग की मित्रता भरी अनुभूति अकेलेपन को खत्म कर हममें अपने लक्ष्य के लिए उत्साह और ऊर्जा का संचार करती है।’
यह विचार राज्यपाल रामनाईक ने यहां रवीन्द्रालय लाॅन चारबाग में 14 सितम्बर तक चलने वाले राष्ट्रीय पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किये। युग कवि गोपालदास नीरज को समर्पित निःशुल्क प्रवेश वाले इस वर्ष नये स्थल पर संयोजित पुस्तक मेले में कल से विविध साहित्यिक- सांस्कृतिक आयोजन प्रारम्भ हो जाएंगे।
साहित्यिक कार्यक्रमों में आज धीरज मिश्र के संयोजन, राम राय राणा के संचालन व डा.आशुतोष बाजपेयी की अध्यक्षता में हुए कवि सम्मेलन में संजय मिश्रा शौक, सरर लखनवी, दर्द लखनवी, राजेन्द्र पण्डित, हितेश शर्मा, मुकेश मिश्र, निधिमोहन कटियार, विशाल श्रीवास्तव, राजेन्द्र द्विवेदी, प्रज्ज्वल नीरा, कार्तिक मिश्र, अभिनव मिश्र व आदित्य चावला सामयिक विषयों पर कवियों ने रचनाएं पढ़ने के लिए आमंत्रित थे। इस शृंखला में अब मेला समापन तक पुस्तकों के लोकार्पण, संगोष्ठी, विचारगोष्ठी, कवि सम्मेलन, मुशायरा का अनवरत क्रम चलेगा। विशिष्ट कार्यक्रमों में गीत ऋषि गोपालदास नीरज को समर्पित कई साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों का कवि सम्मेलन, निरंकारी मिशन सत्संग और नवांकुर कवियों की नये हस्ताक्षर काव्य प्रतियोगिता होगी। हमेशा की तरह पुस्तक मेले में स्थानीय लेखकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था भी रहेगी।
पुस्तक मेले में आज: 6 सितम्बर 2018
अपराह्न 2.00 बजे – डा.राही मासूम रजा एकेडमी का स्मृति समारोह व संगोष्ठी
अपराह्न 3.30 बजे – निर्मला सिंह के उपन्यास ककहरा का लोकार्पण
शाम 5.30 बजे- अलका प्रमोद की पुस्तक कहानी में कहावतें का लोकार्पण
शाम 7.00 बजे – मिथिलेश लखनवी द्वारा नीरज व अटल की रचनाओं का गायन