लखनऊ: 6 दिसम्बर, 2018: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेे आज भारत रत्न बोधिसत्व डाॅ भीमराव आंबेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर आंबेडकर महासभा जाकर अपनी तथा प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की एवं डाॅ आंबेडकर के अस्थि कलश के दर्शन भी किये। इस अवसर पर मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मंत्री डाॅ रीता बहुगुणा जोशी, महापौर डाॅ संयुक्ता भाटिया, आंबेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री लालजी प्रसाद निर्मल सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे। इससे पूर्व राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने हजरतगंज स्थित डाॅ आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने कहा कि प्रतिज्ञा करें कि डाॅ भीमराव आंबेडकर ने संविधान द्वारा नागरिकों को जो दायित्व और अधिकार दिये हैं उसका लाभ समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुये व्यक्ति तक पहुंचे जिससे उसे लगे कि स्वराज है। बाबा साहब संविधान के शिल्पकार हैं यह कहना आसान है, पर सबकी सुनकर और सहमति के आधार पर संविधान का निर्माण करना वास्तव में मुश्किल काम है। बाबा साहेब का मानना था कि हमें छोटी-छोटी बातों पर उलझना या टकराना नहीं चाहिये बल्कि सौहार्दपूर्ण तरीके से समस्या का हल निकालने का प्रयास करना चाहिये। डाॅ भीमराव आंबेडकर ने न केवल देश को संविधान रूपी शक्ति प्रदान की बल्कि सामाजिक न्याय की दृष्टि भी दी। उन्होंने कहा कि जब तक देश में जनतंत्र है बाबा साहब का दिया हुआ संविधान हमारा मार्गदर्शन करेगा।
श्री नाईक ने कहा कि डाॅ आंबेडकर का मानना था कि शिक्षा से ही परिवर्तन लाया जा सकता है। स्वयं बाबा साहब ने जिन परिस्थितियों में प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की तथा बाद में विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की उससे प्रेरणा प्राप्त करने की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है। बाबा साहेब ने समाज के दबे-कुचले एवं वंचित लोगों के उन्नयन का जो संकल्प लिया था उसके लिये वे आजीवन प्रयासरत रहे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ऐसे महापुरूष है जिन्हें धर्म, वर्ण एवं भाषा की परिधि में नहीं बांधा जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि वे आंबेडकर महासभा में लगातार आते रहे हैं। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द, उप राष्ट्रपति श्री एम0 वेंकैया नायडु एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ भी वे यहाँ आये हैं। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने संविधान की मूल प्रति आंबेडकर महासभा को भेंट की जिसका उन्हें बहुत समाधान है। जिनके प्रति श्रद्धा है उनका सही नाम लिखा जाना चाहिए इस दृष्टि से उन्होंने डाॅ भीमराव आंबेडकर का सही नाम लिखे जाने का प्रयास किया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभिनन्दन के पात्र हैं जिन्होंने सरकारी कार्यालयों में बाबा साहेब का चित्र लगाने के लिये आदेश किये। बाबा साहेब से जुडे़ स्थानों पर जाकर ऐसे संदेश मिलते हैं जो समाज के लिये काम करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि डाॅ आंबेडकर के बारे में अध्ययन करना चाहिये और देश का लोकतांत्रिक स्वरूप कैसा उनकी दृष्टि से समझने की आवश्यकता है।