नयी बिजली दर जारी, किसी भी श्रेणी में नहीं किया गया कोई बदलाव, वर्तमान में भी यही बिजली दर आगे रहेंगी लागू: उपभोक्ता परिषद ने कहा कि पावर कार्पोरेशन व सरकार का न होता दबाव तो बिजली दरों में होती व्यापक कमी
लखनऊ, 22 जनवरी 2019: उप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की वर्ष 2018-19 की नई बिजली दर की घोषणा करते हुये आदेश जारी कर दिया गया है कि किसी भी विद्युत उपभोक्ता की श्रेणी में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। नियामक आयोग के अध्यक्ष आर.पी. सिंह, सदस्यगण एस.के. अग्रवाल व श्री केके शर्मा द्वारा जारी आज नये बिजली दर आदेश पर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने अपनी बात रखते हुये कहा कि लम्बी सुनवाई के बाद जो साक्ष्य आयोग के सामने पेश किये गये थे यदि सरकार व पावर कार्पोरेशन का दबाव न होता तो इस बार बिजली दरों में व्यापक कमी होती, लेकिन उपभोक्ता परिषद ने अन्ततः पावर कार्पोरेशन के मन-गढ़न्त आकड़ों पर बड़ी कटौती आयोग से कराने में सफल रहा, जिसका लाभ अन्ततः उपभोक्ताओं देना ही होगा। उपभोक्ता परिषद की लड़ाई काम आई और अन्ततः उन लाखों ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ता जो मीटरर्ड में शीफ्ट होंगे उन्हें अब मार्च, 2019 तक 10 प्रतिशत मीटर लगाने पर बिजली दर में रीबेट प्राप्त होता रहेगा।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्ष 2018-19 के लिये बिजली कम्पनियों द्वारा जो कुल राजस्व आवश्यकता 79632.45 मल्टी ईयर टैरिफ में अनुमोदित करायी गयी थी उसमें व्यापक कटौती कर आयोग ने 70203.32 करोड़ अनुमोदित किया है वहीं जो कुल बिजली खरीद रू0 59659.01 करोड़ की आकलित थी वह अब आयोग द्वारा 53575.33 करोड़ अनुमोदित की गयी है कुल बिजली साल में उपभोक्ताओं लिये खरीदी जायेगी वह 130575 मीलियन यूनिट होगी, और साथ ही औसत बिजली आपूर्ति लागत रू0 6.73 प्रतियूनिट अनुमोदित की गयी है। उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल आपत्तियों में दिये गये साक्ष्य अन्ततः काम आये और प्रदेश की बिजली कम्पनियां जो कुल रेगूलेटरी असेट वर्ष 2018-19 तक का 74111 करोड़ अनुमोदित कराना चाहती थी उस पर आयोग ने बड़ा डन्डा चलाते हुये उसे मात्र 40541 करोड़ अनुमोदित करते हुये रेगूलेटरी सरचार्ज के मामले में अलग से जल्द सुनावई शुरू करने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि आयोग बिजली कम्पनियों द्वारा वर्ष 2015-16 के लिये दाखिल ट्रू-अप में उपभोक्ताओं की लड़ाई काम आयी और अन्ततः रू0 2223 करोड़ उपभोक्ताओं के पक्ष में रेगूलेटरी लाभ मिला और इसी प्रकार वर्ष 2016-17 में उपभोक्ताओं के पक्ष में रू0 3061 करोड़ का रेगूलेटरी लाभ निकला लेकिन आयोग द्वारा इस कुल लाभ रू0 5284 करोड़ पर आगे रेगूलेटरी असेट के साथ सुनवाई के बाद उपभोक्ताओं को लाभ देने की बात कही जिस पर उपभोक्ता परिषद की कड़ी आपत्ति है यदि आयोग इस बार चाहता तो इन दोनों सालों के लिये विद्युत उपभोक्ताओं को एक अलग रेगूलेटरी लाभ दे सकता था जिससे उपभोक्ताओं की दरों में कमी हो जाती लेकिन अब इस पूरे मामले को फरवरी रेगूलेटरी असेट पर होने जा रही सम्भावित सुनवाई में उपभोक्ता परिषद अपनी पूरी बात रखेगा और उपभोक्ताओं को लाभ दिलायेगा।
प्रदेश के किसान जो समय से बिजली बिल जमा करेंगें उन्हें 5 प्रतिशत का रीबेट मिलेगा जिस पर आयोग द्वारा पहले आदेश किया जा चुका है लेकिन अब इस टैरिफ आदेश मे जारी कर लिया गया है।
नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में एक बाद फिर लगातार उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद को विद्युत उपभोक्ताओं के हितों में आपत्ति और सुझाव देने के लिये प्रदेश में सबसे अच्छा घोषित किया गया है। काफी लम्बे समय से उपभोक्ता परिषद लगातार सबसे अच्छा सुझाव देने के लिये घोषित होने में कामयाब हो रहा है।