उपभोक्ता परिषद ने कहा: अब पावर कारपोरेशन आयोग पर दबाव डालकर नही करा पायेगा मनमाना फैसला
लखनऊ, 01 जुलाई। उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि आईएएस अधिकारी श्री राज प्रताप सिंह की नियुक्ति से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को बहुत ही उम्मीद है और बड़ी आशा है कि अब पावर कारपोरेशन आयोग पर दबाव डालकर अपने मन मुताबिक आदेश नहीं करा पायेगा। उन्होंने कहा कि इस बात की बड़ी उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में कानून बनने के बाद भी प्रदेश में पिछले 10 वर्षो से लागू उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण संहिता 2005 के प्राविधानों के तहत मुआवजा प्राविधान को भी आयोग के नये नवनियुक्त अध्यक्ष लागू कराने में अपना अहम योगदान देगें।
चाहे वह बिजली दर में बढ़ोत्तरी के बाद उपभोक्ता परिषद की तरफ से आयोग में दाखिल पुर्नविचार याचिका जो एक सुनवाई के बाद लम्बित है, का मामला हो या फिर 50 लाख ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं से अधिक वसूल की गयी लगभग रू0 523 करोड़ वापसी का मामला हो, सिक्यूरिटी राशि पर ब्याज का मामला हो, घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का बिना नोटिस के भार बढ़ाये जाने का मामला हो, 40 लाख स्मार्ट मीटर को लगाने हेतु आयेाग से अनुमोदित कराये जाने वाले रोल आउट प्लान का मामला हो, उपभोक्ताओं द्वारा लिये गये स्वीकृत भार के अनुरूप सिस्टम की क्षमता में कमी का मामला हो या फिर उपभोक्ता सम्बन्धी अन्य मामले जो आयोग में विचाराधीन है, को उपभोक्ता परिषद द्वारा नियामक आयोग अध्यक्ष के कल विधिवत शपथ ग्रहण के बाद उनके सामने शीघ्र प्रस्तुत किया जायेगा जिससे ससमय विद्युत उपभोक्ताओं को न्याय मिल सके।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानों के तहत नियामक आयोग को स्वतंत्र रूप से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं व बिजली कम्पनियों के बीच एक पारदर्शी सामंजस्य बनाकर उपभोक्ता हित सम्बन्धी आयोग के निर्णयों को शत प्रतिशत लागू कराने का नैतिक दायित्व है।
लेकिन लम्बे समय से बिजली कम्पनियाॅ आयोग के आदेशों का मनमाने तरीके से अनुपालन करती आ रही है, जिससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं में निराशा भी व्याप्त होती रही है। अब जब आयोग के नये अध्यक्ष कल शपथ लेने के बाद अपना कार्य प्रारम्भ करेगें तो उनसे प्रदेश के लगभग 2 करोड़ 20 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को काफी उम्मीदे रहेगी और उनके सामने अनेकोें चुनौतियां भी है कि वह आयोग के आदेशों को बिजली कम्पनियों से शत प्रतिशत लागू कराये।