लेसा में 1-2 खण्ड में सुबह उपभोक्ताओं को हुयी समस्या, उपभोक्ता परिषद के हस्तक्षेप के बाद शुरू हो गयी सुचारू व्यवस्था, इस पूरे मामले पर आयोग 4 सितम्बर को करेगा पुनः सुनवाई
लखनऊ, 01 सितम्बर 2018: यूपी के लाखों विद्युत उपभोक्ताओं को पावर कारपोरेशन के एक मनमाने आदेश के चलते स्वयं मीटर रीडिंग लेकर बिजली का बिल जमा करने से वंचित कर दिया गया था। अंततः विगत् सप्ताह उप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा सुनाये गये फैसले के बाद आज पूरे प्रदेश में दोबारा बिजली उपभोक्ताओं द्वारा अपनी स्वयं मीटर की रीडिंग लेकर जमा किया जाना शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि इस मामले पर आज सुबह से ही उपभोक्ता परिषद इस पर नजर बनाये हुआ था। सुबह काउन्टर खुलते ही राजधानी लेसा में 1-2 काउन्टर पर उपभोक्ताओं को लौटा दिया गया, जिस पर उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को खबर लगते ही तुरन्त उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पावर कार्पोरेशन के निदेशक वाणिज्य, मध्यांचल कम्पनी के निदेशक वाणिज्य व मुख्य अभियन्ता लेसा सहित सम्बन्धित उपखण्ड के अभियन्ता से बात की गयी। अंततः पूरे लेसा में सुचारू रूप से बिजली का बिल जमा होना शुरू हो गया।
गौरतलब है कि इस पूरे मामले पर विद्युत नियामक आयोग ने आगे की सुनवाई 4 सितम्बर को पुनः होगी, और आगे आयोग तय करेगा कि पावर कार्पोरेशन द्वारा मनमाने तरीके से जो उपभोक्ताओं के अधिकार को छीना गया था, उस पर क्या सख्त कदम उठाया जायेगा, क्योंकि आयोग पहले ही पावर कार्पोरेशन के प्रबन्ध निदेशक को इस मामले में विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा-142 के तहत कार्यवाही हेतु नोटिस दे चुका है।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व विश्व ऊर्जा कौंसिल के स्थायी सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अंततः उपभोक्ता परिषद की लम्बी लड़ाई काम आयी और प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के साथ न्याय हुआ। जिस प्रकार से पावर कार्पोरेशन द्वारा मनमाने तरीके से उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ विद्युत वितरण संहिता 2005 का खुला उल्लंघन किया गया था, अंततः आयोग की फटकार के बाद अब पावर कार्पोरेशन को आगे एक सीख लेना चाहिए।