शिया कालेज में विधि संकाय की नवनिर्मित भवन का हुआ उद्घाटन
लखनऊ। किसी भी संस्था के लिए इससे ज्यादा फक्र की बात क्या हो सकती है, कि उस संस्था के नए भवन का उद्घाटन, संस्था के पूर्व छात्र के कर कमलों से हो और यह बात और भी गौरवमयी हो जाती है जब वह पूर्व छात्र देश के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायधीश हो। यह पूरा मंज़र चौदह अप्रैल को शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ में हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी के नाम से विधि संकाय के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के अवसर पर चरित्रार्थ हुआ।
शिया पी0 जी0 कालेज के विधि संकाय के नए भवन का उद्घाटन माननीय न्यायमूर्ति श्री विक्रम नाथ, न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा हुआ। इस उद्घाटन समारोह में माननीय न्यायमूर्ति श्री करूणेश सिंह पवार, न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ बेन्च, माननीय न्यायमूर्ति श्री राजीव सिंह, न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बेन्च, प्रो0 आलोक कुमार राय, कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थिति रहे।
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए माननीय न्यायमूर्ति, श्री विक्रम नाथ, न्यायाधीश, उच्चत्तम न्यायालय, नई दिल्ली ने अपनी बात को अलग ही अंदाज में शुरू किया, अपने उद्बोधन में उन्होने कहा कि ‘‘मैं अपने घर में आया हूँ मगर अंदाज तो देखो मैं अपने आप को मानिन्दे मेहमॉ ले के आया हूँ’’
न्यायमूर्ति श्री विक्रम नाथ ने शिया कालेज में बिताए हुए अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उनकी सफलता में महाविद्यालय का अभूतपूर्व योगदान रहा और इतना योगदान रहा कि अगर शिया कालेज न होता तो मैं कुछ न होता।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों का समर्पण ही सफलता की कुंजी है, सफलता के लिए ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए, आपकी बात जरूर सुनी जाती है।
न्यायमूर्ति श्री करूणेश सिंह पवार, न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय जो स्वंय भी शिया पी0 जी0 कालेज के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने समारोह में बोलते हुए कि आज अपने कालेज को देखकर मैं सम्मोहित हूँ, जब मैं यहाँ का छात्र था तब कालेज की जो स्थिति थी और आज जो विकास हुआ है उसकी तुलना कर पाना सम्भव नही है। आज शिया कालेज के अन्दर अनेकों नए-नए भवन है और वर्तमान आधुनिक समय के अनुसार शिया कालेज ने अपना डिजिटलीकरण करके अपने को और विशिष्ट बना लिया है।
तीसरे वक्ता के रूप में न्यायमूर्ति श्री राजीव सिंह, न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बोलते हुए छात्रों को बढ़िया वकील बनने और जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए व्यवसायिक नैतिकता से रूबरू कराया।
कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ प्रो0 आलोक कुमार राय ने कहा कि जब मुझे लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति बनने का प्रस्ताव मिला तो मैंने लखनऊ विश्वविद्यालय को जानने के लिए गूगल सर्च किया तो मुझे लखनऊ विश्वविद्यालय के एल्यूमिनाई में न्यायमूर्ति श्री विक्रम नाथ का नाम मिला तो यह कहा जा सकता है कि बिना मिले भी हमारे बीच एक अनोखा सम्बंध बन गया। लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के अवसर पर हम न्यायमूर्ति विक्रम नाथ जी को लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में बुलाकर सम्मानित करना चाहते थे लेकिन कोविड के कारण यह नही हो सका, लेकिन आज यह अवसर हमें शिया कालेज के माध्यम से प्राप्त हो गया जिसके लिए हम शिया कालेज प्रबन्ध-तंत्र के आभारी हैं।
सै0 अब्बास मुर्तजा शम्सी, प्रबंधक, शिया पी0 जी0 कॉलेज ने बताया कि नवनिर्मित अण्डाकार भवन स्मार्ट क्लास रूम, वाई-फाई, पुस्तकालय, मूट कोर्ट, लीगल एड क्लीनिक, गार्डेन आदि सभी आधुनिक शिक्षण सुविधाओं से सुसज्जित है जिसमें विधि (त्रिवर्षीय) पाठ्यक्रम संचालित हो रहा है। उन्होने बताया कि आगे आने वाले दिनों में इस नवनिर्मित भवन में एलएल0बी0 (पंचवर्षीय) का भी संचालन शुरू किया जाएगा।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो0 अज़ीज हैदर, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ ऑफ ट्रस्टीज़, लखनऊ ने आने वाले तमाम मेहमानों का शुक्रिया अदा किया और श्री विक्रम नाथ जी के शेरों व भाषण की बहुत तारीफ की और कहा कि शिया पी.जी. कालेज लखनऊ लखनऊ विश्वविद्यालय के निर्देशों पर पूरी तरह पालन करते हुए महाविद्यालय को आगे बढ़ाने का कार्य जारी रखेगा।