हापुड़। रक्षाबंधन से पहले पंचायती राज विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ग्राम पंचायतों में सक्रिय हो गए हैं। वे ग्रमीणों को रक्षाबंधन पर अपनी बहन को शौचालय गिफ्ट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। विभाग की ओर से ग्रामीणों के बीच सक्रियता बढ़ा दी गई है। उनके बीच ओडीएफ संध्या की जा रही है। रक्षा बंधन पर वे शौचालय गिफ्ट करते हैं तो एक अच्छी परम्परा शुरू होगी और स्वच्छता के प्रति लोगों का रूझान बढ़ेगा। ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की जा रही है कि शौचालय उनका सम्मान है। शौचालय उनका स्वास्थ्य है, शौचालय उनकी सम्पन्नता है। गरीबी का मूल कारण शौचालय न होना है। जो लोग मेहनत से कमाते हैं उसका 30 प्रतिशत गंदगी के कारण और खुले में शौच के कारण होने वाली बीमारियों में लगा देते हैं। मुख्य विकास अधिकारी हापुड़ दीपा रंजन का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश है कि लोगों को शौचालय के प्रयोग के प्रति जागरूक किया जाए और भाई द्वारा बहन को शौचालय गिफ्ट करने की एक अच्छी प्रथा शुरू हो। इस अच्छी प्रथा से खुले में शौच की गंदी प्रथा को दूर करने में मदद मिलेगी।
दीपा रंजन का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश खासकर हापुड़ और आसपास में सम्पन्नता अधिक है। रक्षाबंधन पर बहन को लोग महंगे महंगे गिफ्ट देते हैं लेकिन उन लोगों को इसका एहसास नहीं है कि इससे अधिक बहन को जरूरत शौचालय की है। इस रक्षा बंधन पर लोगों को यह एहसास कराने की कोशिश की जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उसी प्रयास के तहत यह कदम भी उठाया गया है। लोगों के पास संसाधन की कमी नहीं जरूरत है सोच बदलने की। सोच को बदलने की कोशिश की जा रही है। पंचायत राज विभाग की ओर से ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की जा रही है कि खुले में शौच से बीमािरयों के इलाज का ही खर्च नहीं बढ़ता है बल्कि उससे उनकी काम करने की क्षमता भी घटती है। जितना इलाज पर खर्च होता है उससे अधिक काम की क्षमता घटने से आमदनी घट जाती है। सम्पन्न होना है तो शौचालय का प्रयोग करना होगा। 80 प्रतिशत बीमारियां गंदगी और खुले में शौच के कारण होती हैं।