नयी दिल्ली, घरेलू जरूरत के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदने की योजना बना रहे लोगों को आज से अपनी जेब थोडी और ढीली करनी पडेगी क्योंकि जीएसटी में ऐसे बहुत से उपकरणों एवं टिकाउ उपभोक्ता सामानों के दाम बढ गए हैं।
टिकाउ उपभोक्ता निर्माता त्यौहारी सीजन से पहले एक बार फिर दाम बढा सकते हैं क्योंकि संबंधित उद्योग कच्चे माल और कल पुर्जों का पुराना स्टाक खत्म होने के बाद उत्पादन के साधनों पर लगने वाले शुल्कों के लाभ के आधार पर मूल्य समीक्षा करने का विचार कर रहा है।
गोदरेज अप्लायंसेज के कारोबारी प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा, ‘ ‘हमारे क्षेत्र के लिए शुद्ध रप से कर का बोझ बढेगा। वर्तमान कर दर करीब 25-27 है जो बढकर 28 होगा। यदि ब्राड और डीलर लाभ को पहले के स्तर पर बरकार रखना चाहेंगे तो इससे उपभोक्ता मूल्य, जो बाजार परिचालन का मूल्य बढ जाएगा । ‘ ‘
वीडियोकोन के सीओओ सी एम सिंह ने भी ऐसी ही राय व्यक्त की।
वैसे तो व्यापारिक साझेदार और डीलर 50 तक रियायत देकर अपना पुरा स्टाक खत्म कर रहे थे लेकिन कंपनियों के पास अब भी निर्मित एवं कच्चा माल पडा है। उन्हें टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने तथा उसे जीएसटी पूर्व स्तर पर लाने के लिए दो तीन महीने लगेंगे।
सिंह ने कहा, ‘ ‘हमें जब ताजा खरीदे गये कच्चे मामले से इनपुट क्रेडिट मिलने लगेगा यदि ब््राांड और डीलर लाभ को पहले के स्तर पर बरकार रखना चाहेंगे तो तब हमारा जीएसटी पूर्व के स्तर पर दाम होगा। ‘ ‘
जीएसटी प्रभाव : ग्राहकों को बिजली से चलने वाले घरेलू सामान की खरीद में करनी होगी जेब और ढीली
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