पार्टी नेता उन्हें घेरने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। अब वे इंतजार में है कि उनका कार्यकर्ता सम्मेलन हो तो उस आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाए
नई दिल्ली,03 दिसम्बर। रविवार को होने जा रहे आप कार्यकर्ता सम्मेलन ने आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास के पार्टी नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। इस सम्मेलन में दिल्ली के अलावा गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब व हरियाणा के लोग शामिल होंगे। इस सम्मेलन में कार्यकर्ताओं की संख्या बहुत अधिक नहीं हो सकती है। मगर विश्वास के तेवर को देख पार्टी नेतृत्व इस सम्मेलन को लेकर विचार विमर्श करने को मजबूर है।
पार्टी नेतृत्व उन लोगों से बेहद नाराज है जिन्होंने विश्वास को रामलीला मैदान में बोले जाने का मौका दिए जाने का सुझाव दिया था। पार्टी का एक गुट मान रहा है कि वहां बेवजह विश्वास को मौका दिया। विश्वास वहां सभी कार्यकर्ताओं के सामने अपनी बात कह कर संवेदनाएं बटोर ले गए। उन्होंने अपना मकसद पूरा कर लिया है। रामलीला मैदान का मंच मिलने के बाद ही विश्वास ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। मंच नहीं दिया जाता तो कुमार इस तरह का बखेड़ा नहीं कर पाते।
पार्टी नेता उन्हें घेरने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। अब वे इंतजार में है कि उनका कार्यकर्ता सम्मेलन हो तो उस आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाए। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के रणनीतिकार विश्वास के इस कार्यकर्ता सम्मेलन को अवैध भी मान रहे हैं। विश्वास इस समय राजस्थान के प्रभारी हैं। इस नाते वह राजस्थान के कार्यकर्ताओं का ही सम्मेलन कर सकते हैं। जबकि विश्वास यह बात साफ कर चुके हैं कि उन्होंने, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने मिलकर इस पार्टी बनाने का फैसला किया था।
पार्टी को किन्हीं कारणों से नुकसान हो रहा है तो आगे आकर इसे दूर करना है। इस कार्य से वह पीछे नहीं हटेगें। उनके कार्यकर्ता संवाद में सभी स्थानों से कार्यकर्ता आएंगे। गौरतलब है कि विश्वास ने बुधवार को ट्वीट कर ऐलान किया कि वह रविवार को पार्टी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे। विश्वास ने जिस पोस्टर को ट्वीट किया है उसमें वह पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की एक बड़ी सी तस्वीर के सामने खड़े दिख रहे हैं। यह तस्वीर पिछले रविवार को रामलीला मैदान में हुए पार्टी के स्थापना दिवस समारोह की है। विश्वास के पोस्टर में भी गूढ़ संदेश छिपा दिख रहा है। जैसे कि वह केजरीवाल को पार्टी का इकलौता चेहरा बनाए जाने को चुनौती दे रहे हैं।