हमारी सरकार का काम बोल रहा है, इस मार्ग की गुणवत्ता पहले ही प्रमाणित है
लखनऊ, लड़ाकू विमान मिराज-2000 और सुखोई की टच लैैंडिंग के एक साल बाद वायुसेना अब लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस- वे पर मालवाहक विमान उतारने का परीक्षण करेगी। वायुसेना की ओर से राज्य सरकार को यह जानकारी देने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार का काम बोल रहा है। इस मार्ग की गुणवत्ता पहले ही प्रमाणित है। भाजपा सरकार राजनीतिक विद्वेष के तहत अच्छे कार्यो को वह झुठला नहीं सकती है। सीईओ यूपीडा अवनीश अवस्थी ने कहा कि वायुसेना कुछ मार्गो पर लड़ाकू व मालवाहक विमान उतारने का प्रत्येक वर्ष परीक्षण करती है। यह कोई नई बात नहीं है। 11 से 13 अक्टूबर के बीच आगरा एक्सप्रेस- वे पर माल वाहक विमान उतारने की जानकारी के साथ वायुसेना ने अधूरी सड़क पूरी करने अपेक्षा की है।
अखिलेश यादव सरकार के ड्रीम प्रोजेक्टों में शुमार 302 किलोमीटर लंबे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का शुभारम्भ नवंबर-2016 में हुआ था। उस समय वायुसेना ने लड़ाकू विमान मिराज-2000 व सुखोई की इस मार्ग पर टच लैैंडिंग कराई थी। यादव ने इस मार्ग को विकास के मॉडल के रूप में जनता के सामने रखा था। सत्ता बदलने पर भाजपा सरकार ने एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता, जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी की जांच का निर्णय लिया। इस मार्ग पर पडऩे वाले 10 जिलों के डीएम से अधिग्रहीत जमीन की रजिस्ट्री का ब्यौरा मांगा था। सड़क की गुणवत्ता की जांच विशेषज्ञ एजेंसी राइट्स को सौंपी गयी।
अब वायुसेना के अधिकारियों ने 11 से 13 अक्टूबर के बीच इस मार्ग पर मालवाहक विमान उतारने का परीक्षण करने की जानकारी राज्य सरकार को भेजी तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका काम बोलता है। कहा जब एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन हुआ था तो लड़ाकू विमानों की लैंडिंग व टेक आफ का सफल परीक्षण हुआ था, जिससे सड़क की गुणवत्ता प्रमाणित हो गयी थी। यादव ने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे समाजवादी सरकार की दो महत्वपूर्ण योजनाएं थी। यादव ने कहा कि विकास के बड़े कार्य संकुचित मानसिकता से पूरे नहीं हो सकते। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि अखिलेश सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध थी। उसने बदले की भावना नहीं दिखाई। न जनहित की उपेक्षा भी नहीं की। कहा कि भाजपा सरकार द्वेष के तहत समाजवादी योजनाओं में अवरोध खड़ा कर रही है, इससे विकास की राह नहीं खुल सकती है।
समाजवादी सरकार के दौरान बने आगरा एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता जांचने के लिए नामित रेल इंडिया टेक्निकल एन्ड इकोनामिक सर्विस (आरआइटीइएस) ने मार्ग की गुणवत्ता को निर्धारित मानक से बेहतर बताया है। आरआइटीइएस के अपर प्रबंधक (एचडब्ल्यू)ने यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि उन्हें एक्सप्रेसवे के पैकेज-1 की गुणवत्ता की जांच सौंपी गई थी। विशेषज्ञों ने एक जून को स्थलीय निरीक्षण किया। इस हिस्से की सड़क पर 139.83 एमएम तारकोल होना चाहिए थे, मगर परीक्षण में इस क्षेत्र में 139.96 एमएम पाया गया। यह डिजाइन से अधिक है। सड़क की मोटाई भी निर्धारित डिजाइन से ज्यादा है। इसका तकनीकी विश्लेषण भी जांच रिपोर्ट में है। आठ पेज की रिपोर्ट में जांच क्षेत्र की लागत, डिजाइन के तकनीकी पहलुओं का उल्लेख करते हुए उसे मानक के अनुरूप ठहराया गया है। राइट की इस रिपोर्ट पर यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी का कहना है कि उन्होंने अभी रिपोर्ट नहीं देखी है।