डॉ दिलीप अग्निहोत्री

मात्र डेढ़ वर्ष में व्यापार सुगमता की सूची में उत्तर प्रदेश का दो पायदान आगे बढ़ना सामान्य बात नहीं है। सुधार में सिंगल विंडो पोर्टल भूमि की उपलब्धता और आवंटन, कर भुगतान प्रणाली,पारदर्शी सूचनाएं और आन लाइन उपलब्धता,पर्यावरण सुधार, आवश्यक अनुमति का सहजता से मिलना आदि बिंदु शामिल थे। योगी सरकार उद्योग, व्यापार सुगमता ,कृषि, आदि सभी मोर्चो पर एक साथ कार्य कर रही है।
प्रदेश सरकार की योजना है कि इन उत्पादों को बड़े पैमाने युवाओं को उनके घर में ही रोजगार मिले। रोजगार के लिए यूपी के युवाओं को किसी अन्य शहर में जाकर न रहना पड़े। उत्तर प्रदेश के नाई, मोची, कारपेंटर, राजमिस्त्री, लोहार अब प्रशिक्षित होंगे। उनको सरकार की तरफ से प्रमाणपत्र दिया जाएगा, ताकि पुलिस, नेता, बदमाश उनसे उगाही न कर सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर गांव में नाई, मोची, कारपेंटर, राजमिस्त्री, लोहार आदि पेशे से जुड़े लोग असंगठित रूप से काम करते हैं। पर्यटन को भी रोजगार परक बनाया जाएगा।
योगी ने ठीक बताया कि दक्षिण एशिया में भगवान बुद्ध का प्रभाव है। ऐसे में चीन जैसे देश अपने यहां बड़ा केंद्र बनाकर बौद्ध संस्कृति पर रिसर्च जैसे कार्य कर रहे हैं। जबकि लुंबिनी में बुद्ध की जन्मस्थली के बावजूद देश में कोई बड़ा केंद्र नहीं है। जीबीयू विद्या का केंद्र बनकर बौद्ध ज्ञान से पूरी दुनिया को संदेश दे सकता है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जीबीयू में बड़ी संभावनाएं हैं जो आतंकवाद से झुलसती दुनिया को भारत की ओर प्रेरित करेगी।
लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साठ हजार करोड़ से अधिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। इसके जरिए आगामी एक से डेढ़ साल के भीतर करीब दो लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने का वादा किया गया है। इस में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चार हजार अड़तालीस लोगों को देने का लक्ष्य बनाया गया था। दो सौ करोड़ रुपये का कर्ज राष्ट्रपति ने दिया। शेष आठ सौ करोड़ रुपये का ऋण जिलों में प्रभारी मंत्री वितरित करेंगे। इस ऋण से लघु स्तर पर इकाई लगाने में आसानी होगी। समिट के दौरान एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग, क्राफ्ट एंड टूरिज्म, हैंडलूम एंड टेक्सटाइल्स और क्रेडिट एंड फाइनेंस के चार सेशन भी आयोजित होंगे। समिट में राज्य के विभिन्न जनपदों के लोकप्रिय पारंपरिक उत्पादों काप्रदर्शन भी किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश की कलाओं और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन देने ,उत्तर प्रदेश का विकास और लोगों को रोजगार उपलब्ध करने का योगी ने लक्ष्य बनाया था। यह योजना राज्य सरकार द्वारा पारम्परिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण तथा उसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने व उनकी आय में वृद्घि के लिए ही शुरू की गई है।
लोन की मार्जिन धनराशि में पच्चीस प्रतिशत की छूट सरकार दे रही है। इसके साथ ही टूल किट का वितरण भी किया गया। ओडीओपी के तहत सभी जिलों के उत्पाद का उत्पादन वृद्धि के लिये ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रत्येक जिले में सामान्य सुविधा केंद्र भी बनाए जाएंगे। उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्पियों को ऋण भी उपलब्ध कराये गए।
ओडीओपी के उत्पाद ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से भी बिकेंगे। पहले फेज में नौ जिलों के उत्पाद इससे बेचे जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार के साथ अमेजन का एमओयू हुआ। अमेजन अपनी वेबसाइट में ओडीओपी की एक माइक्रो साइट विकसित करेगा। इसमें इन जिलों के उत्पाद की बिक्री होगी। ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट, स्नैपडील व अलीबाबा से भी इस बारे में बात चल रही है। गत वर्ष उत्तर प्रदेश ने करीब नब्बे हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाई थी। इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार परंपरागत उद्योगों से ही मिलेंगे। विदेशी मुद्रा भी इसी से कमाई जा सकती है। जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के विकास की व्यापक योजना लेकर चल रहे है। इसके लिए वह उपयुक्त माहौल भी बना रहे है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि विकास की सभी योजनाएं निर्धारित समय में पूरी हो जाएगी।