पहले कोरोना फिर ब्लैक फंगस और सफेद फंगस के रूप में अनेक तरह की संक्रमणों से दुनिया की सम्पूर्ण मानव सभ्यता त्रस्त है। आज के दौर में एक बाद एक संक्रमण मानव समाज पर भारी पड़ता चला जा रहा है और इस समय अधिक से अधिक लोग तरह-तरह के नित नये कीटाणुओं से संक्रमित हो कर बीमार पड़ते चले जा रहे है, ऐसी स्थिति में हमें यह कहना पड़ता है कि जिस तरह की बीमारियों का सामना हम कर रहे हैं उस तरह की बीमारिया कुछ सालों पहले तक नही हुआ करती थी।
मौजूदा समय के इस तरह की विषय-वस्तु से यही जान पड़ता है कि हो न हो किसी अन्य देश के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे अनुसंधान के दौरान इसके कीटाणु किसी तरह प्रयोगशाला से निकल वातावरण में फैल कर लोगों को प्रभावित करने लगें हैं, लेकिन अब यहां यह प्रश्न उठता है कि यह कैसे पता चलेगा? इसी बात के मद्देनजर अमेरिकी प्रशासन प्रयासरत हैं की यह किसकी करतूत है। अमेरिका इस मामले कोई बड़ा एक्शन भी ले सकता है।
कोरोना वायरस से दुनिया के लोगों की हुई मौतों और उसकी उत्पत्ति को लेकर अमेरिका प्रशासन बहुत सख्त है इसलिये अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार 26 मई के दिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को कोरोनो वायरस कहाँ से निकल कर लोगों पर आफत बरपा रहा है या यह प्राकृतिक रूप से जानवर द्वारा मनुष्यों में फैला है इसकी सही जानकारी पता लगाने के आदेश दिये है। फ़िलहाल उसने चीन के वुहान की उस लैब की जाँच करने के आदेश दिए हैं जहाँ से इस वाइरस के फैलने की आशंका जताई जा रही है।
अभी तक दुनिया के ज्यादातर देशों को कोरोना वायरस के लैब में तैयार होने का ही संदेह है यदि यह संक्रमण के कीटाणु लैब में नही बने तो फिर यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह कीटाणु जानवर द्वारा मनुष्यों में फैला है। अमेरिका द्वारा इस संक्रमण के लोगों में फैलने के कारणों का पता लगाया जाना मानवता के लिये अत्यंत आवश्यक है।
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