बलरामपुर गार्डन में 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला
लखनऊ, 6 सितंबर 2025: बलरामपुर गार्डन में पुस्तक मेले के तीसरे दिन पुस्तक प्रेमियों के लिए खास रहा। मेले में किताबों की विविधता और साहित्यिक कार्यक्रमों ने सभी का ध्यान खींचा। चौथे दिन आज कई चर्चित किताबों का विमोचन होने वाला है, जो पाठकों के लिए विशेष आकर्षण होगा।
नई किताबों ने बटोरी सुर्खियां
मेले में राजकमल प्रकाशन की चार्ली चैप्लिन की आत्मकथा, जावेद अख्तर की सीपिया, गुलज़ार के 500 गीतों का संग्रह गुनगुनाएं, सीमा कपूर की यूं गुजरी अब तलक, और अनूपमणि त्रिपाठी की व्यंग्य पुस्तक सांपों की सभा पाठकों के बीच खासी लोकप्रिय रहीं। प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर एन. चोक्कन की एफबीआई जासूसी के कौतुकपूर्ण कारनामे, सीआईए के अनसुने सच, और केजीबी के अनसुने सच जैसी जासूसी किताबों के साथ बृजलाल की डेढ़ बिस्वां जमीन ने अपराधिक कथाओं के शौकीनों को लुभाया।
अपूर्व शाह की एक इंची भगवद्गीता और दिव्यांश पब्लिकेशंस के आठ खंडों में 4000 पन्नों के ओशो गीता दर्शन के नए संस्करण ने भी ध्यान खींचा। इसके अलावा, आचार्य चतुरसेन की वयं रक्षाम: और वैशाली की नगरवधू, भगत सिंह की मेरी जेल डायरी, विनोद कुमार शुक्ल की दीवार में एक खिड़की, मानव कौल की संयम, और दिव्यप्रकाश दुबे की यार पाप व शुगर डैडी जैसी किताबें बिक्री में अव्वल रहीं।
काव्य और विमोचन का रहा जलवा
नवसृजन संस्था के काव्य समारोह में अनिल किशोर शुक्ल की निडर की वाणी वन्दना से शुरुआत हुई। नरेंद्र भूषण, आचार्य ओम नीरव, डॉ. शिव मंगल सिंह, रवींद्रनाथ तिवारी जैसे कवियों ने समां बांधा। साझा काव्य-संग्रह वह तुम हो के रचनाकारों ने काव्य पाठ किया, जबकि डॉ. वीना उदय के काव्य संग्रह निनाद पर परिचर्चा में डॉ. दिनेश चंद्र अवस्थी, सुधाकर अदीब, और पद्म कांत शर्मा ने विचार रखे। डॉ. इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव की 60 वर्ष की काव्य यात्रा पुस्तक का विमोचन गिरीश गुप्ता, महेश अस्थाना, और ज्योति किरन रतन जैसे साहित्यकारों की मौजूदगी में हुआ।
मेले की खासियत : 14 सितंबर तक रोजाना सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक चलने वाले इस मेले में प्रवेश निःशुल्क है। हर पुस्तक पर न्यूनतम 10% छूट दी जा रही है।