एक्स पर शेयर हुई तस्वीरें, 17 सितंबर 2022 को नाचिमिया से लाए गए थे आठ चीते, अब शावक सहित संख्या 18 हुई
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित नेशनल पार्क में चीते के नन्हे शावकों से जंगल में म्याऊं…म्याऊं हो रहा है जिससे बधाइयों का ताँता लग गया है बता दें कि नामीबिया से लाए गए चीतों में एक चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया। जिससे नन्हे शावकों के साथ चीतों की संख्या बढ़कर अब 18 हो गयी है। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है। कि केएनपी ने तीन नए सदस्यों का स्वागत किया ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कूनो से नन्हे शावकों की तस्वीरें भी सामने आ गई हैं। विशेषज्ञों की टीम ने बाड़े में जाकर बताया है कि तीनों नन्हे शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। वहीं, नेशनल पार्क में डॉक्टरों की टीम नन्हे शावकों पर नजर बनाए हुए है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक्स पर शेयर किया वीडियो
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी शेयर किया वीडियो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, कूनो नेशनल पार्क में तीन चीता शावकों के आगमन का समाचार अत्यंत आनंददायक है। पीएम मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश को चीता स्टेट के रूप में नई पहचान मिली है। कूनो नेशनल पार्क में चीते के शावकों की मौत को लेकर प्रोजेक्ट चीता के प्रमुख एसपी यादव ने बताया था कि भारत में मौसम की वजह से चीते को समस्याएं आती है।
मालूम हो कि, 17 सितंबर 2022 में नाविमिया से आठ चीते लाए गए थे, जिनमें आशा मादा चीता भी शामिल थी। अब चीतों की संख्या शावक सहित 18 हो चुकी है। इन नए मेहमानों के इस दुनिया में आने की सूचना केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर शेयर की।
अपने एक्स पोस्ट पर भूपेंद्र यादव ने लिखा, जंगल में म्याऊं… यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कूनो नेशनल पार्क ने तीन नए सदस्यों का स्वागत किया है। शावकों का जन्म नामीबियाई चीता आशा से हुआ है। उन्होंने इसे देश में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है।
कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 14 वयस्क और एक शावक चीता मौजूद हैं। इनमें सात नर चीते गौरव, शौर्य, वायु, अग्नि, पवन, प्रभाष और पावक शामिल हैं। वहीं सात मादा चीतों में आशा, गामिनी, नाभा, धीरा, ज्वाला, निरवा और वीरा शामिल हैं। इनमें से अभी केवल दो चीते ही खुले जंगल में मौजूद हैं, जो भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को दिख सकते हैं। जबकि शेष सभी चीतों को अभी बड़े बाड़े में ही रखा गया है।