सीएसआईआर-सीमैप शिर्डी के जनसेवा फाउंडेशन की महिलाओं को हर्बल सेनेटरी नैपकीन व फ्लोमैप बनाने का प्रशिक्षण दे रहा है। पहले दिन की कार्यशाला सीमैप के निदेशक डाक्टर प्रबोध कुमार त्रिवेदी की उपस्थिति में शुरू हुई। अगले दो दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में पहले दिन सेनेटरी पैड की उपयोगिता व हर्बल के फायदे के साथ ही बनाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गयी।
यह प्रशिक्षण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से दिया जा रहा है। शिर्डी से आयीं 15 महिलाओं में पांच ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने कोरोना काल में अपने पति को गवां दिया और पूरी गृहस्थी की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गयी। इस संबंध में सीमैप के मीडिया प्रभारी डाक्टर मनोज सेमवाल ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला अगले दो दिनों तक चलेगी इसमे महिलाओ के महावारी के दिनो मे उपयोगी सेनेटरी नैपकीन के निर्माण और घर, दफ्तर के फर्श पर होने वाली गंदगी, बैक्टीरिया आदि के प्रार्दुभाव को दूर करने मे उपयोगी हर्बल सुगंधीत तेल से बने फ्लोमैप को शामिल किया गया है। इस तकनीक का ज्ञान शिर्डी में दूसरी महिलाओं को भी प्रशिक्षण कार्यक्रम मे उपस्थित महिलाओं द्वारा दिया जायेगा।
प्रशिक्षण के उदधाटन सत्र मे सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डा. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने अपने संबोधन में उपस्थित महिलाओं को सीमैप हर्बल उत्पाद तकनीकी द्वारा भविष्य में रोजगार द्वारा आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। प्रशिक्षण सत्र में जनसेवा फाउंडेशन की परियोजना निदेशक रूपाली लोंढे ने प्रशिक्षण के लिए आई महिलाओं का परिचय दिया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र मे प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डा. रामेश कुमार श्रीवास्तव, डा. संजय कुमार, डा. अर्निबन पाल, डा. राम सुरेश शर्मा, इंजि. अश्विन ननावरे एवं डा. ऋषिकेश उपस्थित रहे।