उपभोक्ता परिषद ने कहा बिजली दरों की सुनवाई शुरू हो जाने के बाद सरकार के पास जनता को राहत देने के लिए एक ही रास्ता विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 का करें प्रयोग विगत दिनों माननीय ऊर्जा मंत्री के बयान के बाद प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता चाहते हैं कि सरकार उनके साथ खडी हो
लखनऊ, 21 जून : प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से जहाँ वार्षिक राजस्व आवश्यकता वर्ष 2024 -25 व ट्रू-अप याचिका संबंधी आंकडे समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए जा चुके हैं वहीं अब विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली दर की सुनवाई का ऐलान कर दिया है।
8 जुलाई को केस्को कानपुर 10 जुलाई को यूपीपीसीएल व एसएलडीस की सुनवाई लखनऊ में 11 जुलाई को मध्यांचल की सुनवाई लखनऊ विद्युत नियामक आयोग सभागार में 16 जुलाई को बनारस में 18 जुलाई को दक्षिणांचल में 19 जुलाई को नोएडा पावर कंपनी ग्रेटर नोएडा में और 20 जुलाई को पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम मेरठ में सुनवाई होगी जिसमें प्रदेश के सभी आम उपभोक्ता सुनवाई में पहुंचकर बिजली दर पर अपनी बात रख सकते हैं।
उपभोक्ता परिषद में निर्णय लिया गया है कि उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष सभी सुनवाई में भाग लेंगे। वैसे तो प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से अभी तक बिजली दर का कोई भी प्रस्ताव नहीं दिया गया है लेकिन चोर दरवाजे बिजलीघर बढाने की साजिश की जा रही है वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता परिषद प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे 33122 करोड केवाच में बिजली दरों को कम करने के लिए अपनी रणनीति में जुटा है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष स्वयं प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में बिजली दर की सुनवाई में भाग लेकर बिजली दरों में कमी का जोरदार पक्ष रखेंगे और उसके पहले सभी बिजली कंपनियों के विद्युत उपभोक्ताओं से राय मशवरा भी करेंगे इस बार बिजली दर की सुनवाई में उपभोक्ता परिषद पूर्व वर्षों की भाँति खुद मोर्चा संभालेगा जिससे कहीं भी प्रदेश की बिजली कंपनियां अपने मंसूबे में कामयाब न होने पाए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा जब बिजली दर की सुनवाई शुरू हो गई है और विगत दिनों प्रदेश के माननीय ऊर्जा मंत्री जी द्वारा यह बयान दिया गया था कि बिजली दरों में कोई भी बढोतरी नहीं होगी जनहित में वह कमी के पक्षधर है।