वेबीनार में जुडे किसानों ने कहा कृषि फीडर पर 10 घंटे बिजली की जगह ब्रेकडाउन हो जाने पर केवल 5 से 6 घंटे बिजली मिलती है कभी तो दो-दो दिन नहीं मिलती बिजली जब जल जाता है ट्रांसफार्मर, कृषि फीडर पर इस समय धान की रोपाई है ज्यादा से ज्यादा बिजली दी जाए
लखनऊ, 13 जुलाई : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से आयोजित होने वाली ऑनलाइन वेबीनार में बडी संख्या में उपभोक्ताओं ने मुद्दा उठाया कि बिजली दरो में बढोतरी किसी भी हालत में नहीं होनी चाहिए. प्रदेश के उपभोक्ताओं का जो बिजली कंपनियों पर सरप्लस 33122 करोड निकल रहा है उसके एवज में दरों में कमी होनी चाहिए.
इसके अलावा बडी संख्या में अनेकों जनपदों से जुडे कृषि क्षेत्र के किसानों ने यह मुद्दा उठाया की सरकार की फ्री बिजली योजना को फील्ड में तैनात कुछ अभियंता फ्लाप करना चाहते हैं लाभ नहीं देना चाहते हैं जो भी किसान बकायेदार हैं उनके गलत बिल को सही नहीं कर रहे हैं इसीलिए वह फ्री योजना का रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे आज भी किसानों को 10 घंटे बिजली मिलने का अनवरत आदेश है लेकिन अनेकों जनपदों में ब्रेकडाउन के चलते 6 से 7 घंटे बिजली मिल रही है जबकि इस समय किसानों को धान की रोपाई करने के लिए बिजली की ज्यादा से ज्यादा आवश्यकता है ग्रामीण क्षेत्रों में भी बडे पैमाने पर ब्रेकडाउन हो रहे हैं तार टूट रहे ट्रांसफार्मर जल रहे आलम यह है कि अनेकों जनपदों में अनेकों फीडर पर दो-दो दिन बिजली नहीं आती और कोई फोन भी नहीं उठाता।
उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा आप सभी की समस्याओं को प्रबंधन के सामने रखूंगा और नियामक आयोग की बनारस आगरा व मेरठ सहित ग्रेटर नोएडा की बैठक में भी उठाऊंगा. ग्रामीण क्षेत्र में एक दो कमरे के मकान में रहने वाले गरीब विद्युत उपभोक्ता जो अपनी जीविका चलाने के लिए अपने-अपने घर में छोटी-मोटी दुकान कर लेते हैं उन्हें बिजली चोरी में फंसाया जाता है यह उनके ऊपर राजस्व निर्धारण किया जाता है उसके खिलाफ उपभोक्ता परिषद लगातार लड़ाई लड़ रहा है और आगामी बिजली दर की सुनवाई में उपभोक्ता परिषद फिर वह प्रस्ताव रखेगा जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में 2 किलो वाट 200 यूनिट तक उपभोग करने पर उसे घरेलू विद्या में ही माना जाए उस पर कोई राजस्व निर्धारण या बिजली चोरी की कार्रवाई न की जाए का प्रस्ताव बनारस की बैठक में नियामक आयोग के सामने रखूंगा पहले भी इस पूरे प्रस्ताव पर पावर कारपोरेशन ने अपनी सहमति दी थी लेकिन प्रस्ताव लागू नहीं हो पाया अब उसको आगे टैरिफ में शामिल करने की मांग उठाऊंगा, जिससे प्रदेश में लगभग 20 से 25 लाख गरीब विद्युत उपभोक्ताओं को संरक्षण मिल सके आज भी वह अपने घर में छोटी-मोटी दुकान करके एक बल्ब जला लेते हैं वह भी शाम के समय दो से तीन घटे इसलिए उन्हें घरेलू विद्या में ही माना जाए ऐसा अनेकों राज्यों में है।वेबीनार में जुडे कुछ उपभोक्ताओं ने यह भी मांग रखी की नेवर पेड़ कहकर कनेक्शन काटे जा रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी जांच कराई जाय।
आज के वेबीनार में प्रमुख रूप से अपनी बात रखने वालों में हरेंद्र कुमार, राजपाल सिंह, निर्दोष कुमार सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, सुनील कुमार, जय दीप गुप्त, अंकित शर्मा, पवन सिंह, संदीप कुमार गुप्ता, अरविंद हरिराम यादव थे।