Close Menu
Shagun News India
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Saturday, July 12
    Shagun News IndiaShagun News India
    Subscribe
    • होम
    • इंडिया
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • राजस्थान
    • खेल
    • मनोरंजन
    • ब्लॉग
    • साहित्य
    • पिक्चर गैलरी
    • करियर
    • बिजनेस
    • बचपन
    • वीडियो
    Shagun News India
    Home»ब्लॉग»Current Issues

    मंकीपॉस से डरे नही, सावधानी से इलाज करे

    ShagunBy ShagunJuly 31, 2022 Current Issues No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp
    Post Views: 471

    गौतम चक्रवर्ती

    एक नया वायरस जिसे हम मंकीपॉक्स के नाम से जानते है। यह संक्रमण बहुत तेजी के साथ केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैल कर लगभग 16 हजार से भी अधिक लोगों को संक्रमित कर दिया हैं।

    अभी 20 जुलाई 2022 के दिन देश की राजधानी दिल्ली में एक व्यक्ति के इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वैसे एक एक्सपर्ट का कहना है कि मंकीपॉक्स एक दूसरे में हवा के मध्य से नहीं फैलती है।

    वैसे आपको बता दें कि मंकीपॉस एक दुर्लभ प्रजाति के जूनोटिक वायरस के माध्यम से लोगों में संक्रमण फैलता है।दरअसल हम यदि सही अर्थों में कहें तो इस वायरस में चेचक जैसी बीमारी को उत्पन्न करने वाले कीटाणु मौजूद होते हैं।

    मंकीपॉक्स वायरस हवा के माध्यम से अवश्य नहीं फैल सकते हैं, लेकिन देश की राजधानी में स्थित एक जाने माने अस्पताल के चिकित्सा निदेशक के अनुसार यदि हम मरीज के संपर्क में आते हैं तो उसके शरीर से टपकने वाले पसीने के बूंदों या दूसरे व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाने के दौरान यह वायरस दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है।

    जहां तक मंकीपॉक्स के लक्षणों की बात करें तो इस वायरस से संक्रमित इंसान में बुखार, गले में खराश, सांस लेने में परेशानी होती है। इसके अलावा चिकनपॉक्स की तरह शरीर में लाल दाने और रैशेज पड़ने के बाद धीरे -धीरे पूरे शरीर पर दिखने लगते हैं, और फिर इन दानों का आकार बड़ा होकर इसमें पस भी भर जाता है। इसका रोगोद्भवन समय 5 से 21 दिनो तक का होता है लेकिन वयस्क लोगों में यह अपने आप ठीक भी हो जाता है।

    डब्ल्यूएचओ के अनुसार मंकीपॉक्स बहुत खतरनाक तो नही होता है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में यह खतरनाक भी हो सकता है। विषेतः इस वायरस से 5 वर्षों से छोटे बच्चों को अधिक खतरा होता है।

    आप लोगों को शायद याद होगा कि “इबोला” नाम के एक वायरस की वर्ष 1976 में पहली बार पहचान की गई थी। यह संक्रमण 2013 तक चलता रहा और इसके प्रभाव से दुनिया के अलग – हिस्सों में लोग प्रभावित होते रहे हैं। जिसके कारण प्रतिवर्ष 1,000 से अधिक लोग संक्रमित हो जाते थे। वैसे इस वायरस के प्रभाव से होने वाले बीमारी का प्रकोप आम तौर पर उप-सहारा अफ्रीका के उष्ण-कटिबंधीय क्षेत्रों में फैलता था। दरअसल यहां हम आपको बता दें कि इबोला विषाणु से संक्रमित व्यक्ति में अत्यन्त घातक रोग पैदा हो जाता था। यह वायरस संक्रमित जानवरों जैसे बंदर या फ्रुट चमगाड़ के खून या उनके शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने से हो जाता है।

    वर्ष1976 में पहली बार इसकी पहचान उस समय हुई जब इस वायरस से संक्रमित एक भारतीय युवक इसी वर्ष 10 नवम्बर के दिन अफ्रीका के लाइबेरिया से भारत लौटा था, और इस वायरस से वर्ष 1976 से लेकर वर्ष 2013 तक, प्रति वर्ष 1,000 तक की संख्या में लोग इस वायरस से संक्रमित होते रहे हैं।

    इबोला वायरस के बाद दूसरे वायरस के रूप में “स्वाइन फूलू” का नाम आता है यह वायरस वर्ष 2009 में पूरी दुनिया में फैला था। इस संक्रमण के चपेट में आने से पूरी दुनिया के विभिन्न देशों में 2,084,500 मौत हुई थी जिसमे से अकेले हमारे देश भारत में 1167 मौतें हुई थीं।

    हमारे देश में स्वाइन फ्लू का सर्व प्रथम मामला 13 मई वर्ष 2009 को हैदराबाद हवाई अड्डे पर पाया गया था, जब अमेरिका से भारत की यात्रा करने वाले एक व्यक्ति को एच 1 एन 1 पॉजिटिव पाया गया था।
    यह संक्रमण सुअरो से फैला था। इस संक्रमण से होने वाली बीमारी लाइलाज हुआ करती थी।

    तीसरे संक्रमण के रूप में मारवर्ग वायरस यह बहुत कुछ हद तक इबोला वायरस से मिलता जुलता है यह वायरस बंदरों से हम मनुष्यों में आता था। यह वायरस दुनिया के कुछ देशों में वर्ष 1960 में फैला था। इससे उस वक्त 104 लोगों की मृत्यु हुई थी।

    चौथे संक्रमण के रूप में सार्स वायरस से लोग प्रभावित हुए थे इस संक्रमण से प्रभावित सबसे पहला केस वर्ष 2002 में चीन से आया था और कुछ ही हफ्तों में यह वायरस दुनिया के 237 देशों में फैल कर 774 लोगों को मृत्यु के घाट उतार दिया था।

    पांचवे वायरस के रूप में जीका वायरस से वर्ष 2017 में सबसे पहले गुजरात सरकार ने इससे प्रभावित 3 लोगों की पुष्टि की थी। यह वायरस इतना अधिक असरदायक था की ब्राजील में इस वायरस से लगभग 1 लाख 70 हजार लोग प्रभावित हुए थे जिसमे से 7 से 9 लोगों की मौते भी हो गई थी।

    छटे वायरस के रूप में अब तक के सबसे खतरनाक कोरोना वायरस के रूप में वर्ष 2020 में भारत में फैलने की पुष्टि हुई थी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय की ओर से दिए गए वक्तव्य के अनुसार 22 जुलाई 2022 तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 3,37,66,707 है जिसमें से लगभग 4,48,339 लोगों की मृत्यु हो गई। हमारे देश में वर्तमान समय में एशिया में सबसे अधिक कोरोना के मामलों की पुष्टि हुई हैं।

    Shagun

    Keep Reading

    स्मृति भी कभी बड़ी नेता थी…अब फिर टीवी सीरियल की ओर

    चुनाव आयोग की मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने कह दी बड़ी बात

    गुरु पूर्णिमा विशेष : आज्ञाकारी शिष्य को कौन हटाता है

    बहराइच के सीरियल रेपिस्ट ने खोले होश उड़ा देने वाले राज

    क्या सत्ता की चाहत में छिटक रहे हैं वसुंधरा राजे के सर्मथक

    तेजी से बढ़ता शहरीकरण खा गया जुगनों को

    Add A Comment
    Leave A Reply Cancel Reply

    EMAIL SUBSCRIPTIONS

    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading
    Advertisment
    NUMBER OF VISITOR
    164008
    Visit Today : 739
    Visit Yesterday : 2275
    Hits Today : 3753
    Total Hits : 5017633
    About



    ShagunNewsIndia.com is your all in one News website offering the latest happenings in UP.

    Editors: Upendra Rai & Neetu Singh

    Contact us: editshagun@gmail.com

    Facebook X (Twitter) LinkedIn WhatsApp
    Popular Posts

    नेपाल: संस्कृति का वैभव और साहसिक रोमांच

    July 11, 2025

    प्रेम और शांति का संदेश लेकर आ रही नई फिल्म ‘जिहादी: एक प्रेम कथा’

    July 11, 2025

    मैं मुंबई में रहती हूं, लेकिन मेरी आत्मा बिहार में बसती है: आयशा ऐमन

    July 11, 2025

    स्मृति भी कभी बड़ी नेता थी…अब फिर टीवी सीरियल की ओर

    July 11, 2025

    आई लाइक इट कहने से हिट हुआ तो डायरेक्टर ने डिनर पर बुलाया : सानंद वर्मा

    July 11, 2025

    Subscribe Newsletter

    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading
    Privacy Policy | About Us | Contact Us | Terms & Conditions | Disclaimer

    © 2025 ShagunNewsIndia.com | Designed & Developed by Krishna Maurya

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Newsletter
    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading