आरक्षण समर्थकों की लामबन्दी तेज भाजपा, बसपा, कांग्रेस, सपा व आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षों को भेजा पत्र
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति संयोजक मण्डल की आज एक आपात बैठक में लिये गये एक महत्वपूर्ण निर्णय के बाद प्रदेश की सभी राजनीतिक पाटियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को पत्र भेजा गया है, जिसके माध्यम से पिछले 9 वर्षों से लोकसभा में लम्बित 117वें पदोन्नति में आरक्षण संवैधानिक संषोधन बिल पर सभी दलों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उनसे समय मांगा गया है।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति संयोजक मण्डल की तरफ से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्षा सुश्री मायावती, कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेष यादव व आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल को पत्र भेजकर संघर्ष समिति प्रतिनिधि मण्डल ने मिलने का समय मांगा है।
संघर्ष समिति का मानना है कि उत्तर प्रदेश में 2022 में विधान सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी राजनैतिक पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों से मिलकर उनसे संघर्ष समिति जानना चाहेगी कि पदोन्नति में आरक्षण बिल कब पास होगा और उनके उप्र विधान सभा चुनाव के घोषणा पत्र में पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा शामिल होगा अथवा नहीं।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, डा रामशब्द जैसवारा, आरपी केन, एसपी सिंह अनिल कुमार, अजय कुमार, हरीश चंद्र वर्मा श्याम लाल, अन्जनी कुमार, राम बरन, अषोक सोनकर, प्रेमचन्द्र, बिन्दा प्रसाद, विकास दीप, राम नारायन ने कहा कि आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के सभी जनपदीय पदाधिकारियों को यह निर्देष दे दिये गये हैं कि वह अपने जनपद में लगातार जागरूकता अभियान चलाते रहें और अनिवार्य रूप से विधान सभा चुनाव होने तक फेसबुक, सोशल मीडिया, ट्विटर, वाट्सएप के माध्यम से अपने रिष्तेदार नातेदारों को यह अवश्य समझाते रहें कि पिछले 9 वर्षो से उनके हकों पर उनके क्षेत्र से जीतकर आने वाले जनप्रतिनिधि चुप हैं। अब समय आ गया है कि वोट की चोट से अपने अधिकारों को सुरक्षित करने वाला जनप्रतिनिधि चुनना है।