विद्युत नियामक आयोग आदेश के बाद भी बिजली कंपनियां क्यों नहीं दे रही है आयोग को जवाब इसकी हो जांच
लखनऊ, 20 जनवरी: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को जागरूक करने उनकी समस्याओं को समझने और उसका समाधान कराने को लेकर चलाए जाने वाले साप्ताहिक प्रादेशिक वेबीनार में आज लोग बडी संख्या में जुड़ें।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के अनेक जनपदों में आज भी शहरी दर पर वसूली की जा रही है लेकिन उन्हें विद्युत आपूर्ति ग्रामीण शेड्यूल के हिसाब से दी जा रही है विद्युत नियामक आयोग में उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल याचिका पर बिजली कंपनियां पिछले 4 महीनो से जवाब इसलिए नहीं दाखिल कर रही है क्योंकि वह कागज तैयार करके यह बताना चाहती हैं कि सबको 24 घंटे विद्युत आपूर्ति दी जा रही है।
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि वास्तव में विद्युत नियामक आयोग को उपभोक्ताओं की चिंता है तो वह ऐसे इलाकों का रेंडम सर्वे कराए स्वत: बडा खुलासा हो जाएगा। आगरा से जुडे पीयूष कुलश्रेष्ठ ने कहा पिछले कई सालों से आगरा के बिचपुरी सब स्टेशन से निकलने वाले सभी फीडरों पर जहां 10000 से ज्यादा विद्युत उपभोक्ता हैं उन्हें ग्रामीण शेड्यूल की बिजली देकर शहरी दर पर वसूली की जा रही है।
आज के साप्ताहिक वेबीनार में बडी संख्या में किसान राजेश कुमार राजपाल सिंह अनूप मौर्य श्याम सिंह ने जुडकर यह मुद्दा उठा दिया कि जब 1 अप्रैल 2023 से किसानों के लिए बिजली फ्री का ऐलान लगातार प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और उपमुख्यमंत्री श्री केसव मौर्य जी द्वारा किया जा रहा है तो अभी तक आदेश जारी क्यों नहीं किया गया जबकि आज भी सभी किसानों को बिजली का बिल भेजा जा रहा है उपभोक्ता परिषद ने कहा इस मुद्दे पर लगातार उपभोक्ता परिषद प्रबंधन से बात कर रहा है पुनः प्रबंधन से यह बात करेगा कि तत्काल सरकार के वादे के मुताबिक किसानों को बिजली फ्री का आदेश जारी किया जाए।
गंभीर मामले हैं जांच जरुरी : अवधेश कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह बहुत गंभीर मामला है उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा और ऊर्जा मंत्री सहित प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जी द्वारा भी कई बार यह कहा जा चुका है कि किसानों के लिए एक अप्रैल 2023 से बिजली फ्री है लेकिन लगातार उनको बिल भेजा जा रहा और पावर कॉरपोरेशन द्वारा इस संबंध में कोई आदेश न निर्गत करना पूरे प्रदेश के 14 लाख किसानों में काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई है इसी प्रकार विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली कंपनियों के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 के तहत उपभोक्ता परिषद की याचिका पर अवमानन जल्द शुरू की जा सकती का आदेश देने के बाद भी अभी तक आनेको जनपदों में ग्रामीण शेड्यूल की बिजली देकर शहरी दर पर की जा रही वसूली पर कोई रोक ना लगाना अपने आप में चिंता का विषय है ऐसे में अभिलंब पावर कार्पोरेशन प्रबंधन व विद्युत नियामक आयोग को आगे जाकर उपभोक्ताओं को न्याय दिलाना चाहिए।