मुख्य सचिव ने शिक्षकों की डिजिटल उपस्थित पर लगाई रोक, एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई जाएगी, जो इन दो महीनों में शिक्षकों के मुद्दों पर विचार करेगी, शिक्षकों की मांगों को लेकर बनेगी समिति
लखनऊ, 16 जुलाई : आज मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल के मध्य प्रदेश भर में डिजिटल उपस्थिति को लेकर चल रहे आंदोलन एवं शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण को लेकर वार्ता संपन्न हुई।
वार्ता में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने मुख्य सचिव के सम्मुख शिक्षकों के पक्ष को रखते हुए अवगत कराया की बेसिक शिक्षा विभाग में 31 उपार्जित अवकाश, प्रत्येक माह द्वितीय शनिवार अवकाश, अर्द्ध आकस्मिक अवकाश, आवास से निकटस्थ कार्य स्थल पर पदस्थापना एवं सरकारी वाहन की सुविधा प्राप्त कर रहे बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर डिजिटल उपस्थिति की पद्धति लागू नहीं की गई है जबकि प्रदेश के दुर्गम मार्गों पर स्थित विद्यालय जहां आवागमन सड़क नहीं है, सड़क है तो कोई भी सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं है।
डॉक्टर शर्मा ने उदाहरण देते हुए अवगत कराया कि वाहन विहीन एवं दुर्गम मार्गों पर स्थित विद्यालय में कार्यरत शिक्षक /शिक्षिकाएं जो कि निजी वाहन का व्यय भार नहीं उठा सकते ऐसे सभी अध्यापक एक ही मार्ग पर स्थित विद्यालय आने-जाने हेतु 8 – 10 के समूह में किसी प्राइवेट वाहन से विद्यालय आते जाते हैं, क्योंकि सरकार द्वारा शिक्षकों को कोई भी वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया है। कारणवश मार्ग में पहले स्थित विद्यालय के शिक्षक एवं अंत में स्थित विद्यालय के शिक्षक के विद्यालय पहुंचने के समय में अंतर होना स्वाभाविक है। शिक्षक अपने निजी वाहन तथा पैदल यात्रा करके इस दुर्गम मार्गो में नदी, जल भराव, पगडंडी, रेलवे क्रॉसिंग जैसी बाधाओं को पार करते हुए विद्यालय में पहुंचता है ऐसे में शिक्षकों के पक्ष को जाने बिना अध्यापकों को डिजिटल उपस्थिति देने हेतु अनिवार्य किया जाना न्यायोचित नहीं है। डॉक्टर शर्मा ने कहा कि डिजिटल उपस्थिति से पूर्व इससे संबंधित निम्नलिखित समस्याओं का निराकरण किया जाए –
- शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति 31 दिवस का उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, अर्द्ध आकस्मिक अवकाश, प्रतिकर अवकाश एवं अध्ययन अवकाश (स्टडी लीव) अनुमन्य किया जाए।
- डिजिटल उपस्थिति की स्थिति में किसी आकस्मिक परिस्थिति में यदि शिक्षक निर्धारित समय के पश्चात 01 घंटे तथा विलंब से उपस्थित होता है तो माह में कुल 05 कार्य दिवसों में उसे अनुपस्थित ना माना जाए।
- मौसम की प्रतिकूलता अथवा विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन उपस्थिति से शिथिलता प्रदान करने हेतु अधिकृत किया जाये ।
- पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन किए जाने की दशा में डाटा इंट्री का कार्य शिक्षक द्वारा करने पर शिक्षण कार्य बाधित होगा। अतः विद्यालयों में कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की जाये।
- शिक्षकों पर डिजिटल उपस्थित लागू करने से पहले महानिदेशक स्कूल शिक्षा के कार्यालय सहित बेसिक शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में लागू करके इसके गुण दोष का अध्ययन किया जाए। डिजिटाइजेशन से संबंधित वार्ता के अतिरिक्त शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने सहित 18 सूत्रीय मांग पत्र मुख्य सचिव को सौपा गया।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने संघ के प्रतिनिधि मंडल को अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश शासन शिक्षकों के डिजिटल उपस्थित पर रोक लगाकर एक समिति गठित करेगा, जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी विशेषज्ञ एवं शिक्षकों के प्रतिनिधि सदस्य रहेंगे, शिक्षकों की समस्याओं पर समिति दो माह में अपनी आंख्या देगी, जिसके अनुसार शासन समस्याओं का निराकरण करेगा।
बैठक में शासन की ओर से मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव के साथ दीपक कुमार अपर मुख्य सचिव वित्त, एम0के0एस0सुन्दरम प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, श्रीमती कंचन वर्मा महानिदेशक स्कूल शिक्षा तथा संघ की ओर से डॉक्टर दिनेश शर्मा अध्यक्ष के साथ संजय सिंह महामंत्री एवं राधे रमण त्रिपाठी वरिष्ठ उपाध्यक्ष उपस्थित रहे।
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