- उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ सरप्लस है ऐसे में बिजली दर में बढ़ोतरी की बात करना भी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का उल्लंघन
- बिजली चोरी का खामियाजा उपभोक्ताओं को न पड़े उठाना, आयोग इस पर करें विचार
लखनऊ, 20 जुलाई : उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के तत्वाधान में आज पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की बिजली दर की सुनवाई चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय सभागार में हुयी जिसमे नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और संजय कुमार सिंह उपस्थिति रहे। सबसे पहले पावर कॉरपोरेशन व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक श्रीमती इशा दोहन ने अपना प्रस्तुतीकरण किया। इसके उपरांत सचिव विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश के उपभोक्ताओं का पक्ष रखने के लिए उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा को आमंत्रित किया, बैठक में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष कुमार गोयल की उपस्थित में उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन के बारे में कहा यह विभाग टेक्नोक्रेट का है लेकिन यहां नौकरशाह आकर अभियंताओं को बात-बात पर अपमानित करते हैं जिससे सुधार नहीं हो पा है।
अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कंपनियों पर अपनी बात रखते हुए कहा प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है ऐसे में बिजली दर में बढ़ोतरी की बात करना भी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का उल्लंघन है एक साथ 40% अथवा 5 वर्षों तक 8% बिजली दारो में कमी करके हिसाब बराबर किया जा सकता है। उपभोक्ता परिषद ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बिजली कंपनियां जो अपना कुल घाटा 11203 करोड़ दिख रही हैं इसका कोई मतलब नहीं यह केवल चोर दरवाजे 25% बिजली दारो में बढ़ोतरी के लिए एक मनगढ़ंत आंकड़े पेश कर रही है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के भ्रष्टाचार पर कहा यहां पर बड़े पैमाने पर अनेकों उपखंडों में उपभोक्ताओं का पैसा गमन किया जा रहा है बिजली चोरी पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है ए टू ज बिल्डर का मामला उठाया और साथी गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 36 मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में 25 केवीए के ऊपर भर को बिना ट्रांसफार्मर के ही चालू किया गया उन्होंने कहा कि बृजवासी पुरम के एक मामले में 145 किलो वाट का संयोजन 15% सुपरविजन पर दिया गया जिसमें विभागीय सामान लगाया गया पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत साल भर में 1294 करोड़ की बिजली चोरी होती है यानी कि प्रत्येक माह 107 करोड़ की बिजली चोरी इसके पहले वित्तीय वर्ष में पश्चिमांचल में 31 911 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए और इस वर्ष की बात करें तो 19 जुलाई तक केवल 12554 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए उल्टा पावर कारपोरेशन में पूरे प्रदेश में बिजली चोरी करने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को 65% तक की छूट दी लोकसभा द्वारा पारित कानून को बदलने का अधिकार किसी को नहीं है लेकिन शक्ति भवन में बैठे लोग बिजली चोरी के असेसमेंट को माफ करने का कानून बना दिया।