- उपभोक्ता परिषद की लम्बी लड़ाई को मिली कामयाबी
- अब प्रदेश में घटिया मीटर निर्माताओं की खैर नहीं सप्लाई हुई खराब तो ब्लैक लिस्टिंग तय
लखनऊ, 12 मई 2019: उपभोक्ता परिषद की लम्बी लड़ाई को आखिर कामयाबी मिल ही गयी। मालूम हो कि प्रदेश में मीटरों की गुणवत्ता को लेकर उपभोक्ता परिषद लम्बे समय से लड़ाई लड़ रहा है और यह मांग उठाता रहा है कि सभी बिजली कम्पनियों में मीटर की उच्च गुणवत्ता हेतु क्वालिटी कन्ट्रोल पर विशेष ध्यान दिया जाये, जिसको लेकर फरवरी में उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा और ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के बीच इस विषय पर लम्बी वार्ता हुई और उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने मा0 मंत्री को एक प्रस्ताव सौंपते हुए उसमें महत्वपूर्ण सुझाव दिया और लागू कराने की मांग की।
मामले को संज्ञान में लेते हुए ऊर्जा मंत्री ने अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन को 25 फरवरी 2019 को उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष के प्रस्ताव पर एक पत्र लिखकर अविलम्ब पूरे मामले पर 15 दिन में कार्यवाही के निर्देश दिये और अंततः क्वालिटी कन्ट्रोल व मीटरों के निविदा विशिष्टिकरण एवं प्रक्रियाओं के निर्धारण हेतु पावर कार्पोरेशन ने एक समिति बनायी और अब लम्बे समय बाद पावर कार्पोरेशन द्वारा पूरे प्रदेश के लिये क्वालिटी कन्ट्रोल पर एक पारदर्शी व्यवस्था लागू कर दी गयी है और उपभोक्ता परिषद के ज्यादातर सुझावों को पूरी तरह लागू कर दिया है। अब प्रदेश में पहली बार पहले वर्ष के लिये 1 प्रतिशत व 5वें वर्ष में 2 प्रतिशत से अधिक गारण्टी अवधि में मीटर खराब होने पर उसकी गुणवत्ता खराब मानी जायेगी।
अंततः पावर कार्पोरेशन द्वारा अब यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी गयी है कि आपूर्तित मीटरों की गारण्टी 5 वर्ष रखी जायेगी, प्रत्येक मीटर निर्माता द्वारा उनको एक निविदा में कुल कार्यादेशित मीटरों के विरूद्ध खराब होने वाले मीटरों की संख्या अधिकतम 2 प्रतिशत तक सीमित रखी जायेगी। कुल 5 वर्षों की गारण्टी अवधि में प्रथम वर्ष अधिकतम 1 प्रतिशत 3 वर्ष की अवधि समाप्त होने पर अधिकतम 1.5 प्रतिशत एवं 5 वर्ष की अवधि समाप्त होने पर अधिकतम 2 प्रतिशत की अधिक मीटर खराब होने पर गुणवत्ता खराब मानी जायेगी। साथ ही सभी मीटर निर्माताओं द्वारा आपूर्तित किये गये मीटरों में गुणवत्ता परीक्षण हेतु आपूर्तित मीटरों के प्रत्येक लाट से न्यूनतम 2 मीटरों का चयन कर उनमें से एक मीटर का परीक्षण सीपीआरआई, एरेडा से कराया जायेगा। यह भी व्यवस्था लागू होगी कि प्रत्येक मीटर के सीलबंद से पूर्व एमआरआई भी की जायेगी। उसे मुख्य अभियन्ता सामग्री प्रबन्ध व मुख्य अभियन्ता वाणिज्य डिस्काम के पास सुरक्षित रखा जायेगा।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा काफी लम्बी लड़ाई के बाद ऊर्जा मंत्री के हस्तक्षेप पर उपभोक्ता परिषद के सुझावों को पावर कार्पोरेशन द्वारा लागू कर दिया गया है और पहली बाद पावर कार्पोरेशन ने यह माना है कि अब 2 प्रतिशत से अधिक मीटर खराब होने पर उसकी गुणवत्ता खराब मानी जायेगी। अब निश्चिततौर पर जितने भी घटिया मीटर निर्माता हैं उनकी खैर नहीं है और उनका ब्लैक लिस्ट होना तय है।