नई दिल्ली, 09 मार्च 2019: रक्तचाप हो तो आपको बहुत सावधानी रखने की जरुरत है रक्तचाप कम करने के लिए जितना संभव हो नमक का सेवन कम ही करें। खाना बनाते समय केवल सामान्य मात्रा में नमक डालें या नमक के विकल्प का उपयोग करें।
अमेरिकन सोसायटी आफ हाइपरटेंशन के जर्नल में प्रकाशित एक ताजा अध्ययन ने संकेत दिया है कि शहरों में रहने वाले बड़ी उम्र के भारतीय अपनी उम्र के ग्रामीणों की तुलना में उच्च रक्तचाप से पीड़ित होने की अधिक संभावना रखते हैं। इससे पता चलता है कि उच्च रक्तचाप के इस शहरी प्रभाव में शहरी जीवन के कुछ अन्य अंतर्निहित कारण अपना रोल अदा करते हैं, जिनमें तनाव जैसे कि सामाजिक असुरक्षा का और शोर के कारण, और पर्यावरण में मौजूद प्रदूषक तत्व शामिल हो सकते हैं।
44 प्रतिशत भारतीय उच्च रक्तचाप से पीड़ित :
शहरों में रहने वाले लगभग 44 प्रतिशत उम्रदराज भारतीय उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में इसका 35 प्रतिशत है। बढ़ती उम्र उच्च रक्तचाप के विकास के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। दिल्ली में यह 22 फीसद तक दर्ज किया गया है जबकि मुंबई में 20, कोलकाता में 18, बेंगलुरू में 17 फीसद रक्तचाप के पीड़ित पाए गए।
तनाव ज्यादा न लें, नमक का सेवन कम करें :
एचसीएफआई के अध्यक्ष डा केके अग्रवाल ने कहा, वृद्धावस्था और मोटापा उच्च रक्तचाप के लिए दो प्रमुख जोखिम कारक हैं। प्रतिरोधी उच्च रक्तचाप वाले लोगों में हृदय जोखिम भी उच्च होता है। भारतीय आहार में सोडियम अधिक रहता है और नमक की खपत गैरसंचारी रोगों के लिए सबसे बड़ा कारक है। समय के साथ अधिक नमक किडनी को भी अपूरणीय क्षति पहुंचा सकता है। नमक का अधिक सेवन रक्तचाप में वृद्धि का कारण बनता है, जिसे उच्च रक्तचाप के रूप में जाना जाता है।
उच्च रक्तचाप धमनियों को कठोर कर सकता है और धमनियों में अक्सीजन के प्रवाह को कम कर सकता है। अक्सीजन के प्रवाह में कमी से आपके चेहरे की त्वचा सूखने लगती है और झुर्रियां पड़ सकती हैं, जिससे व्यक्ति बूढ़ा दिखने लगता है जो एक युवा को कम दिख सकता है। इसके अलावा, स्वास्य पर अन्य कई तरह के प्रभाव भी होते हैं।