नई दिल्ली, 14 दिसम्बर 2018: 13 सालों तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहने वाले बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि वह केंद्र नहीं जाएंगे। बता दे की न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए गए एक बाईट में उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश में रहूंगा, और केंद्र नहीं जाऊंगा। मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए मंगलवार को हुई मतगणना में कांग्रेस से हारने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद श्री चौहान ने कहा कांग्रेसी ने अपने वचन पत्र में 10 दिन में कर्ज माफी का वचन दिया है।
दोष मुझमें ही है, कमी मुझ में ही कहीं ना कहीं है:
उन्होंने कहा कि राहुल जी ने कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिन के भीतर ही किसानों का कर्ज माफ होगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम कांग्रेसी का मुख्यमंत्री बदल देंगे। श्री चौहान ने कहा कि अब यह उनका विषय है वह तय करें लेकिन मुझे विश्वास है कि वह उस वादे को जरूर पूरा करेंगे।
अपने शासनकाल के दौरान चलाई गई ‘संबल’ एवं ‘लाड़ली’ ‘लक्ष्मी योजना’ सहित विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने की मैं प्रदेश में बनने वाली सरकार से आग्रह करता हूं कि वह इन योजनाओं को ठीक ढंग से चलाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमें अथक परिश्रम करने के बाद भी हमें अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं हुई। अगर इस हार के लिए कोई जिम्मेदार है तो शिवराज सिंह चौहान और वह मैं हूं। श्री चौहान ने कहा केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बाद भी हम चुनाव हार गए। दोष मुझमें ही है, कमी मुझ में ही कहीं ना कहीं है। मैं इस कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया। अबकी बार 200 पार पर हम फेल हो गए।
जब उनसे सवाल किया गया कि मंत्रियों के हारने में क्या टिकट वितरण में गलती हुई, तो उन्होंने कहा कि जो भी गलती थी वह मेरी थी। हम जनता के बीच अपने विकास की योजनाओं को ठीक ढंग से नहीं पहुंचा पाए।