पैराग्लाडिंग्स आज भारत के अधिकांश राज्यों का सबसे पसंददीदा रोमांचक खेल बन गया है खासतौर पर देवभूमि उत्तराखंड और हिमांचल राज्य के कुछ पहाड़ी इलाके जैसे मंसूरी, देहरादून और नैनीताल जैसे इलाके आज भी बेहद रोमांचित करते है। पैराग्लाडिंग्स के नाम से भी जाना जाने वाला यह एक मनोरंजक खेल है जिसमें एक व्यक्ति को एक वाहन (आमतौर पर नाव) के पीछे बांध कर खींचा जाता है, यह एक विशेष रूप से डिजाइन किए हुए एक पैराशूट के साथ जुड़ा हुआ होता है, जिसे पैरासेल कहते हैं। यह नाव तब पैरासेंडिंग करने वाले को हवा में उड़ाते हुए आगे बढ़ाती है। यदि नाव ज्यादा मजबूत है, तो इसके पीछे दो या तीन लोग एक ही समय में पैरासेल कर सकते हैं। पैरासेंडिंग करने वाले का पैराशूट पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है।
साहसिक पर्यटन के शौकीन लोगों के लिए यह एक खुशनुमा अहसास दिलाने वाला खासा खेल है आप यहाँ उत्तरकाशी के आसमान में उड़ान भरने का आनंद उठा सकते है। इसके साथ ही यहाँ पर स्थानीय कोगो के लिए वृहद स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा करते है।
उत्तराखंड की राज्य सरकार ने साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही साथ युवाओं को स्वरोजगार जैसे माध्यम से जोड़ने के लिए यहाँ पर अभिनव पहल भी की है।
पैराग्लाइडिंग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए अब तो पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन हो रहा है इस प्रतियोगिता में पैराग्लाइडिंग करतबबाज कलाबाजी कर आपको दातों टेल ऊँगली दबाने पर मजबूर कर देंगे।
याराना फिल्म में भी है रोमांचक पैराग्लाडिंग्स का ज़िक्र:
वैसे हिमाचल और उत्तराखंड में पैराग्लाडिंग्स का अपना विशेष स्थान है पैराग्लाडिंग्स तो पर्यटकों के लिए सबसे रोमांचित करने वाला खेल पैराग्लाडिंग्स आज इन इलाकों में विशेष पहचान बन गया। आपको याद होगा याराना फिल्म में जब अमिताभ बच्चन को पतंग नुमा बनी पैराग्लाडिंग्स करनी थी, शुरआत में तो वह उसमे बहुत डर का अहसास करते है लेकिन जब एक बार पैराग्लाडिंग्स शुरू करते है तो अपने टीचर की भी खैर खबर ले लेते है और इसके बाद वह बेहद रोमांचित महसूस करते है।
मनाली के एक स्थानीय निवासी के अनुसार उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड़ पैराग्लाइडिंग के लिए अनुकूल स्थान है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वरुणावत पर्वत भी उपयुक्त स्थान है, लेकिन इसके लिए पैराग्लाइडिंग का अनुभव होना जरूरी है। इसके साथ ही व्यक्ति का स्वस्थ और निडर होना भी जरूरी है, तभी रोमांच का असली मज़ा है।
इसके साथ ही पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रेकिंग, में अपनी अद्वितीय जीप सफारी के साथ भी हो सकता है शायद ही प्रकृति और साहसिक पर्यटकों के लिए यह एक बेहतर जगह है। ‘पहाड़ियों की रानी’ मसूरी, ‘भारत का स्विट्जरलैंड’ अल्मोड़ा, ‘झील जिला’ नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रानीखेत, कौसानी आदि जैसे कई जगह के लिए प्रसिद्ध पर्वतारोहण और एयरो स्पोर्ट्स की तरह पैराग्लाइडिंग और हाथ ग्लाइडिंग, उत्तराखंड विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बहुत बड़ा केंद्र है।
रोमांच का अनुभव लेने के लिए यहां कैसे पहुंचे:
देश के किसी भी कोने से केदारनाथ पहुँचना बहुत ही आसान है क्योकि आप यहाँ सड़क, रेल और हवाई जहाज़ तीनो माध्यमो से पहुँच सकते हैं। भारत के किसी भी शहर से उत्तराखंड के केदारनाथ पहुँचा जा सकता है। यदि आप सड़क मार्ग से दिल्ली से केदारनाथ सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून के रास्ते भी जा सकते हैं। ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून पहुँचने के बाद आप केदारनाथ के लिए कार या जीप बुक कर सकते हैं। इसके अलावा रेल मार्ग से दिल्ली से हरिद्वार या ऋषिकेश रेल मार्ग से 4-5 घंटे में भी पहुँचा जा सकता है। इसके अलावा हवाई मार्ग द्वारा भी अच्छे खासे विकल्प मौजूद है। – जी के चक्रवर्ती