लंदन, 4 सितम्बर : पाकिस्तान में शिक्षा के अधिकारों की लडाई लडने वाली कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सांग सू की से म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ ‘शर्मनाक’ हिंसा की निंदा करने का आह्वान करते हुए कहा कि इस हिंसा की उनके (सू की) द्वारा निंदा किये जाने का ‘विश्व इंतजार कर रहा है।’
20 वर्षीय मलाला ने म्यांमार की इस नेता से हिंसा की निंदा करने का आग्रह किया। इस हिंसा में हजारों की संख्या में लोग पडोसी देश बांग्लादेश में चले गये है।
मलाला ने अपने मुल्क पाकिस्तान से भी मुस्लिम शरणार्थियों को सहायता उपलब्ध कराने का आहवान किया।
उन्होंने एक बयान में कहा ‘ पिछले कई वर्षों से मैंने कई बार इस दुखद और शर्मनाक कार्यवाही की निंदा की है। मैं अपनी साथी नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की से भी ऐसी ही उम्मीद करती हूं।
उन्होंने कहा ‘विश्व और रोहिंग्या मुसलमान इंतजार कर रहे है।’
मलाला ने कहा ‘हिंसा बंद की जाये। आज हमने म्यांमार के सुरक्षा बलों द्वारा छोटे बच्चों की हत्या किए जाने की तस्वीरें देखी। केवल इन बच्चों पर हमला ही नहीं किया गया बल्कि उनके घरों को भी जला दिया गया।’