उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं में फूटा गुस्सा
लखनऊ, 08 दिसम्बर: उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने एक बैठक में कहा कि सभी बिजली कंपनियों में दलित अभियंताओं को खास तौर पर टारगेट कर उनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही कर रही है एसोसिएशन का कहना है कि मिड सेसन में ट्रांसफर की कार्रवाई से दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं में काफी रोष दिखा और पूरे मामले पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से हस्तक्षेप की मांग उठाई।
एसोसिएशन का आरोप है कि विगत दिनों जिस प्रकार से मध्यांचल विद्युत वितरण निगम अंतर्गत लेसा सर्किल 2 के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार को पहले मध्यांचल में अटैच किया गया और इसके बाद उनका स्थानांतरण वहां से दूसरे दिन ही बलरामपुर कर दिया गया और 12 घंटे पहले बलरामपुर में स्थानांतरित अधीक्षण अभियंता आरसी पांडे का स्थानांतरण निरस्त कर उन्हें मध्यांचल में अटैच कर दिया गया। एसोसिएशन का कहना है कि चौंकाने वाला विषय तो यह है कि जब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री एक शर्मा पिछले हफ्ते चिनहट में शिवपुरी सब स्टेशन पर राजेश कुमार अधीक्षण अभियंता के क्षेत्र में ओटीएस स्कीम की समीक्षा करने गए तो वहां पर सार्वजनिक तौर पर यह ऐलान किया कि उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों की मांग पर एमडी मध्यांचल तत्काल राजेश कुमार का स्थानांतरण निरस्त करें और उनके कार्य की सराहना की।
पावर ऑफिसर एसोसिएशन के पदाधिकारी ने कहा लेसा में सभी को पता है कि चिनहट खंड में दो बडे बिल्डर मनवाने तरीके से अपना कार्य कराने के लिए अभियंताओं पर दबाव बना रहे हैं और उनको मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के कुछ उच्चधिकारी का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन प्राप्त हो रहा है पत्रावलियों की उच्च स्तरीय जांच करने की पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग उठाते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई किए जाने का मुद्दा भी उठा दिया है संगठन के पदाधिकारी ने कहा जरूरत पडने पर दलित अभियंताओं के उत्पीडन पर एसोसिएशन प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी और ऊर्जा मंत्री से भी मुलाकात करेगा।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष केबीराम कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा महासचिव अनिल कुमार सचिव आरपीकेन संगठन सचिव बिंदा प्रसाद राजेश कुमार, जयप्रकाश, घनश्याम, रामबाबू, अक्षय कुमार, मुकेश कुमार, विकासदीप, एवं विनय कुमार सिंह ने एक सयुंक्त बयान में कहा दलित और पिछले वर्ग के अभियंताओं के मामले में ही इस प्रकार का दोहरा मापदंड अपनाया जाता है जब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए के शर्मा जी द्वारा किसी अभियंता के कार्यों की आम जनता में प्रशंसा पर उनका स्थानांतरण निरस्त करने का फरमान सुना दिया इसके बावजूद भी मध्यांचल प्रबंधन क्या अपने आप को ऊर्जा मंत्री से बडा समझता है और यदि विभाग में बडे बिल्डरों का इतना बोलबाला है तो इससे कहीं ना कहीं प्रदेश के अभियंता अधिकारियों का मनोबल गिरेगा और उसका प्रभाव बिजली विभाग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाई जा रहे कदम पर आना स्वाभाविक है ऐसे में अभिलंब पावर कारपोरेशन प्रबंधन को इस मामले पर हस्तक्षेप करना चाहिए।
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