स्कूल में मासूम बच्चों पर हैवानियत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, टीचर छोटे बच्चों को बेरहमी से पीटती और सात साल के बच्चे को क्लासरूम की खिड़की से उल्टा लटकाकर पैर बांधती दिखी
पानीपत, 29 सितंबर 2025: हरियाणा के पानीपत जिले में एक निजी स्कूल से सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां सर्जन पब्लिक स्कूल (जिसे सृजन पब्लिक स्कूल भी कहा जा रहा है) की प्रिंसिपल और स्कूल ड्राइवर ने छोटे बच्चों पर ऐसी हैवानियत की कि पूरा समाज सिहर उठा। जाटल रोड स्थित इस स्कूल में क्लास 2 के एक 7 साल के मासूम बच्चे को होमवर्क न करने के बहाने खिड़की से रस्सी से बांधकर उल्टा लटका दिया गया और बेरहमी से पीटा गया। यह दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा।
क्या हुआ था इस जघन्य घटना में?
घटना : 23 सितंबर 2025 को हुई बताते हैं कि यह घटना अगस्त से चली आ रही थी, लेकिन वीडियो 28 सितंबर को वायरल होने पर खुलासा हुआ।
वीडियो का खुलासा: एक वीडियो में स्कूल ड्राइवर अजय ने बच्चे के पैर रस्सी से बांधे और क्लासरूम की खिड़की से उल्टा लटका दिया। फिर डंडे से पीटते हुए बच्चे को दर्द से चीखने पर मजबूर कर दिया। बच्चे की मां डोली ने बताया, “मेरा बेटा स्कूल में ही था, वे उसे अपराधी की तरह लटका दिया और पीटा। यह देखकर मेरा कलेजा मुनहसिर हो गया।”
दूसरा वीडियो: प्रिंसिपल रीना (Reena) खुद छोटे बच्चों को थप्पड़ मारती, कान खींचती और बेरहमी से डांटती नजर आ रही हैं। यह सब अन्य बच्चों के सामने हो रहा था, जो क्लासरूम में डर के मारे सिहर रहे थे।
अभिभावकों की शिकायत: वीडियो देखकर अभिभावकों ने तुरंत अपने बच्चों की पहचान की और मॉडल टाउन थाने में FIR दर्ज कराई। उन्होंने प्रिंसिपल की लापरवाही और स्कूल प्रबंधन की उदासीनता पर सवाल उठाए। स्थानीय लोगों और चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट्स ने इसे “शिक्षा के नाम पर अमानवीयता” करार दिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: SP के नेतृत्व में गिरफ्तारी
- पानीपत के SP भूपेंद्र सिंह IPS ने खुद मौके पर पहुंचकर FSL टीम और अन्य अधिकारियों के साथ जांच शुरू की।
- गिरफ्तारियां: 29 सितंबर को प्रिंसिपल रीना और ड्राइवर अजय को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 127(2) (गलत हिरासत), 351(2) (आपराधिक धमकी) और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के तहत केस दर्ज हुआ।
- SHO जगमिंदर ने बताया, “जांच जारी है, और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।” SP ने आश्वासन दिया कि स्कूलों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी बढ़ाई जाएगी।
सख्त सजा की मांग
यह घटना निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। अभिभावक संगठनों ने कहा, “पीटना या अपमानित करना अनुशासन नहीं, अपराध है। इससे बच्चों को मानसिक चोट लगती है।” सोशल मीडिया पर #JusticeForPanipatKids ट्रेंड कर रहा है, और लोग दोषियों को उम्रकैद की सजा देने की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने भी स्कूल का लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रहा है।
बता दें कि यह मामला हर माता-पिता के लिए चेतावनी है. अपने बच्चों की स्कूल डायरी चेक करें, वीडियो कॉल लें, और संदेह होने पर तुरंत शिकायत करें। क्या आपका बच्चा सुरक्षित है? यह सवाल अब हर घर में गूंज रहा है।