लखनऊ, 7 दिसंबर : संविधान दिवस के दिन पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन और उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन प्रबंधन के साथ अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन की उपस्थिति में दो पक्षीय वार्ता में यह आश्वासन संगठन को दिया गया था कि जो भी आरएफपी तैयार होगी उस पर आप सभी की राय ली जाएगी और पूरा मसौदा सार्वजनिक किया जाएगा। एसोसिएशन का कहना है कि यह बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि पावर कारपोरेशन ने पूरा मसौदा बोर्ड आफ डायरेक्टर में पास करा कर गुपचुप तरीके से एनर्जी टास्क फोर्स में पास करा लिया और अब बहुत जल्दी कैबिनेट में पास कराया जाएगा, सबसे अहम् सवाल है कि मसौदे को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है मसौदे पर राय क्यों नहीं ली जा रही है इसका मतलब दो पक्षीय वार्ता केवल दिखावा थी। आरक्षण पर पावर कॉरपोरेशन की चुपी से या सिद्ध होता है की संवैधानिक हक पर कुठाराघात होने वाला है।
इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद ने अपने बयान में कहा कि कैबिनेट में जो भी मसौदा भेजा जा रहा है उसे तत्काल सार्वजनिक किया जाए पूरे प्रदेश में दलित व पिछडों के मन मे आरक्षण को लेकर दुविधा बरकरार है लगातार पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की तरफ से अनेकों मुद्दों पर अपनी सफाई दी गई लेकिन आरक्षण पर से ऐसा साबित होता है कि दलित व पिछडों के आहम संवैधानिक मुद्दे से किसी को कोई लेना देना नहीं है प्रदेश के मुख्यमंत्री से पावर ऑफिसर एसोसिएशन मांग करता है कि कैबिनेट में जो भी मसौदा जा रहा है उसे ना पास किया जाए क्योंकि उसमें आरक्षण के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ होने वाला है।
संगठन के नेताओं ने कहा इस मुद्दे पर पावर ऑफिसर एसोसिएशन लगातार दोनों उपमुख्यमंत्रियों कई मंत्रियों और अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष से भी मुलाकात कर आरक्षण पर कुठाराघात को रोकने की मांग उठा चुका है यहां तक की माननीय ऊर्जा मंत्री के सामने भी या मुद्दा उठाया गया था कि आरक्षण पर सभी की चुप्पी से दलित व पिछडे कार्मिकों में बहुत रोष है।