अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष को की मामले की शिकायत
लखनऊ 3 मार्च : प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में 17 निर्देशकों के पद पर 6 मार्च को होने वाले साक्षात्कार में किसी भी दलित अभियंता को योग्यता होते हुए भी ना बुलाये जाने के विरोध में आज उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में एक 7 सदस्यो का प्रतिनिधि मंडल अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत से मिला और कहा कि जहां प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण में आरक्षण समाप्त करने की साजिश की जा रही है।
प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि जब पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन के इशारे पर प्रदेश की बिजली कंपनियों में होने वाले निर्देशकों के साक्षात्कार हेतु किसी भी विभागीय दलित अभियंता को नहीं बुलाया गया जो अपने आप में ऊर्जा क्षेत्र में दलित अभियंताओं के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र की इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। इस पर संविधान प्रदत्त संवैधानिक संस्था अनुसूचित जाति जनजाति आयोग को हस्तक्षेप करते हुए अनुसूचित जाति जनजाति के अभियंता अधिकारियों को न्याय दिलाना चाहिए। और पूरे मामले पर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से बात करना चाहिए।
अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष ने पावर ऑफिसर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को आशवासन दिया उनके मामले को प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को आज ही भेजा जाएगा और आयोग पूरी कोशिश करेगा कि प्रदेश में किसी भी बिजली कंपनी में किसी भी दलित अभियंता के साथ अन्याय न होने पाए और उन सभी को अभिलंब साक्षात्कार के लिए बुलाया जाए। यह सभी योग्यता प्राप्त अभियंताओं का संवैधानिक अधिकार है।
मा0 अध्यक्ष से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपीकेन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिन बिंदा प्रसाद, ट्रांसको अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, अजय कुमार, लेसा अध्यक्ष प्रभाकर सिंह प्रमुख से।