‘फ्रेंचाइजी क्रिकेट की दुनिया में बहुत कुछ होता है यह एक महंगा कारोबार है
नई दिल्ली, 01 जून। आईपीएल सत्र के बीच में ही दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी छोड़ने वाले गौतम गंभीर ने कहा है कि टीम मालिकों को हार पसंद नहीं है। गंभीर जब इस सत्र में दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान बने तो लगा कि दिल्ली की टीम शानदार प्रदर्शन करेगी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। शुरुआती मुकाबलों में ही लगातार हार के बाद गंभीर ने कप्तानी छोड़ दी, लेकिन टीम के प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ और अंत में टीम को सबसे कम अंक मिले।
गौतम ने अपने कॉलम में दिल्ली की टीम की हार और चेन्नै सुपरकिंग्स की सफलता की वजह बताई है। उनके अनुसार चेन्नै की टीम आईपीएल में लगातार अच्छा करती है क्योंकि टीम के फैसलों में मालिकों की नहीं चलती। वहां हर फैसला सिर्फ धोनी लेते हैं, जबकि अन्य टीमों के साथ ऐसा नहीं है। उनके फैसलों में मालिकों का हस्तक्षेप अधिक होता है।
इस सलामी बल्लेबाज ने लिखा, ‘फ्रेंचाइजी क्रिकेट की दुनिया में बहुत कुछ होता है। यह एक महंगा कारोबार है, जहां फ्रेंचाइजी फीस, खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ का वेतन, ट्रैवल और ठहरने का किराया जैसे कई खर्च होते हैं। एक और चीज है जो किसी भी बैलंस शीट में नजर नहीं आती। वह है अहं।
ज्यादातर फ्रेंचाइजी मालिक आईपीएल के बाहर अपने-अपने क्षेत्र के सफल लोग हैं। क्रिकेटर्स की ही तरह उन्हें भी हार से नफरत है लेकिन जहां क्रिकेटर्स हार को खेल भावना के तहत लेते हैं, वहीं टीम मालिक इस मामले में निर्मम होते हैं, क्योंकि वे हर चीज को रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट (निवेश पर रिटर्न) के पैमाने से देखते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जो हालात हैं, उसे देखते हुए ऑन-फील्ड मैटर में हस्तक्षेप पर मालिक को दोषी करार देंगे? लेकिन चेन्नै की कहानी एकदम अलग है। एमएस धोनी वहां इकलौते बॉस हैं।’