IPL पर भी दिखेगा आर्थिक सुस्ती का असर?
ऐसा लगता है कि आर्थिक सुस्ती ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी प्रभावित किया है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कई चीजों को लेकर दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड अब कटौती करने में व्यस्त नजर आ रहा है। आईपीएल की आठ फैंचाइजी सहित सभी हितधारकों को भेजे गए एक सर्कुलर में भारतीय बोर्ड ने दोहराया है कि वह इस सत्र से आईपीएल का उद्घाटन समारोह आयोजित नहीं करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें कहा गया है कि प्ले-ऑफ स्टैंडिंग फंड भी मौजूदा सीजन के लिए कम किया जाएगा।
चैंपियन को मिलेंगे 10 करोड़:
बीसीसीआई की ओर से भेजे सर्कुलर में कहा गया है कि आईपीएल-2020 के फाइनल में विजेता को 10 करोड़ रुपये, रनरअप (फाइनल हारने वाली टीम) को 6.25 करोड़ रुपये और तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमों (क्वॉलिफायर 2 के प्लेऑफ में हारने वाली और एलिमिनेटर प्लेऑफ मैच हारने वाली टीम) को 4.375 करोड़ (प्रत्येक) दिए जाएंगे। बोर्ड ने 2020 के लिए प्लेऑफ स्टैंडिंग फंड में करीब 50 प्रतिशत की कमी का प्रस्ताव रखा है, जिस पर अभी फ्रैंचाइजी द्वारा बहस की जा रही है।
पहले मिलते थे 20 करोड़:
आईपीएल 2019 एडिशन में विजेता मुंबई इंडियंस ने पुरस्कार राशि के तौर पर 20 करोड़ रुपये कमाए थे और मानदंडों से तय किया गया था कि पर्स जीतने वाले फ्रैंचाइजी और खिलाड़ियों के बीच इसे समान रूप से बांटा जाएगा। उपविजेता टीम को 12.5 करोड़ रुपये मिले और उसकी ओर से राज्य संघ को प्रति मैच 50 लाख का भुगतान किया। उसी समझौते के तहत. राज्य संघ अब प्रति आईपीएल मैच 1 करोड़ रुपये कमाएंगे।
फ्रैंचाइजी बहस को तैयार:
इस बारे में चार फ्रैंचाइजी टीमों ने मंगलवार को हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से भी पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसा यदि हुआ तो उन्हें खुशी नहीं होगी। दो फैंचाइजी ने आगे कहा कि वे संबंधित अधिकारियों के साथ इस पर बहस करेंगे।
ऑटो नो-बॉल की तैयारी:
2019 में टेस्टिंग और हाल ही में कोलकाता में गुलाबी गेंद से खेले गए टेस्ट के दौरान ज्यादा अच्छे से देखने के बाद, बीसीसीआई आईपीएल के आगामी एडिशन से फंट/बैक फुट पर ऑटो नोबॉल के लिए एक नया प्रोटोकॉल लाने के लिए तैयार है। सर्कुलर में इस बारे में जानकारी दी गई है कि थर्ड अंपायर फंट/बैक फुट नो-बॉल देखने की जिम्मेदारी लेगा।
कैप्ड खिलाड़ियों को लोन पर लेने की सुविधा:
आईपीएल 2019 में केवल अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों को ही सीजन के दौरान एक फ्रैंचाइजी से दूसरी में लोन पर दिया जा सकता था। साल 2020 के लिए इसमें बदलाव कर विदेशी खिलाड़ियों और कैप्ड भारतीयों को भी लोन पर दिया जा सकता है।
वेन्यू एग्रीमेंट की लागत बढ़ी:
बीसीसीआई का वेन्यू एग्रीमेंट के मुताबिक, हर फैंचाइजी को प्रत्येक आईपीएल मैच की मेजबानी के लिए अपने संबंधित राज्य संघों को 30 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। उस शुल्क को अब 20 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है।