नई दिल्ली 22 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विभिन्न दलों के नेताओं ,कानूनी विशेषज्ञों, मुस्लिम समाज की महिलाओं तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक करार दिए जाने के उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले को ऐतिहासिक,तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच वाला बताते हुए एकस्वर से स्वागत किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार मिलेगा और यह महिला सशक्तिकरण के लिये एक मजबूत कदम सिद्ध होगा। कांग्रेस ने कहा कि यह ऐतिहासिक,तर्कसंगत,न्यायसंगत और प्रगतिशील निर्णय है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह प्रगतिशील कदम है। इससे भारतीय मुस्लिम समाज में की उन महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त होगा, जो वर्षों से अन्याय तथा अत्याचार सह रही थीं।
मुस्लिम समुदाय की महिलाओं से जुड़े तीन तलाक के खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो ने फैसले पर कहा कि आज का दिन मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए ऐतिहासिक है। सरकार को इस बारे में जल्दी ही कानून बनाना चाहिए। तीन तलाक की लड़ाई को अंजाम तक ले जाने वाली उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो ने पिछले साल शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उनकी शादी 2001 में हुई थी। दो बच्चों की माँ बानो को 10 अक्टूबर 2015 को बानो के पति ने तलाक दे दिया था। इसके बाद बच्चों की पढ़ाई और अपना जीवन निर्वाह करने में दिक्कतों को देखते हुए बानो ने न्यायालय में याचिका दायर कर तीन तलाक को चुनौती दी थी।
केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को संवैधानिक मूल्यों की जीत बताते हुए कहा कि इसे मुुद्दे को किसी धर्म के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह किसी मजहब से नहीं बल्कि सामाजिक सुधार से जुड़ा मसला है और केन्द्र सरकार इस पर कानून बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करेगी।
उच्चतम न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में तीन तलाक को समानता के अधिकार के खिलाफ बताते हुए असंवैधानिक और गैर इस्लामिक करार दिया है।