उपभोक्ता परिषद ने कहा राज्य सलाहकार समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश में ग्रामीणों को कम बिजली देकर आधा दर्जन उत्पादन इकाई कई दिनों तक रखी गई थी बंद उसका भी मुद्दा उठेगा और ग्रामीणों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति फुल कास्ट टैरिफ के आधार पर देने के लिए उपभोक्ता परिषद बनाएगा दबाव
लखनऊ, 26 अगस्त 2024: बिजली दरों को अंतिम रूप देने व वार्षिक राजस्व आवश्यकता पर चर्चा करने के लिए विद्युत नियामक आयोग ने 5 अगस्त को ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी बैठक बुलाई है। उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में बढोतरी न हो इसके लिए उपभोक्ता परिषद आयोग पर दबाव बनाएगा।
बिजली दर व वार्षिक राजस्व आवश्यकता वर्ष 2024 -25 के संबंध में बुलाई गई राज्य सलाहकार समिति की बैठक 24 जुलाई को जहां विद्युत नियामक आयोग में होनी थी जोकि किसी कारणवश नहीं हो पाई थी, वह अब पुनः विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत अधिनियम 2003 के तहत गठित ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बडी संवैधानिक कमेटी राज्य सलाहकार समिति की बैठक 5 अगस्त को 11.30 बजे विद्युत नियामक आयोग सभागार में बुलाई है। जिसमें सभी राज्य सलाहकार समिति के सदस्य भाग लेंगे और जिसमें बिजली दर के मामले पर अंतिम चर्चा होगी इसके बाद विद्युत नियामक आयोग कभी भी बिजली दर का ऐलान करेगी।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा किसी भी हालत में उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढोतरी नहीं होने दी जाएगी, देश का कोई भी कानून उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढोतरी की इजाजत नहीं देता क्योंकि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33122 करोड सर प्लस निकल रहा है और इसी के चलते पिछले 4 वर्षों से उत्तर प्रदेश में बिजली दारो में कोई भी बढोतरी नहीं हो पाई है आगे भी या तो एक मुस्त 40 प्रतिसत बिजली दरों में कमी की जाए अन्यथा आगे भी बिजली दारो में बढोतरी नहीं हो पाएगी।
मालूम हो कि 5 अगस्त को होने वाली राज्य सलाहकार समिति की बैठक में यूपी पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन व यूपीएसएलडीस के वार्षिक राजस्व आवश्यकता पर भी चर्चा होनी है ऐसे में उपभोक्ता परिषद इस मुद्दे पर भी घेराबंदी शुरू करेगा कि उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को रोस्टर के तहत बिजली देने के नाम पर कई दिनों तक आधा दर्जन उत्पादन इकाई बंद रखी गई थी वैसे तो आज भी ग्रामीण क्षेत्र में कहने को रोस्टर से 18 घंटे बिजली दी जा रही है लेकिन ब्रेकडाउन इतना ज्यादा है की अनेकों जनपदों में 5-6 घंटे विद्युत आपूर्ति भी उपभोक्ताओं को नहीं हो पा रही है जो अपने आप में चिंता का विषय है।