उपभोक्ता परिषद ने उठाया मामला कहा जरूरत पड़ी तो प्रदेश में चलाएंगे आंदोलन
लखनऊ, 04 जुलाई : उत्तर प्रदेश का बुरा हाल है ग्रामीण जनता को 18 घंटे बिजली भी बमुश्किल मिल रही है क्योंकि बड़े पैमाने पर ब्रेक डाउन है अभियंता अपने ट्रांसफर पोस्टिंग में लगे हैं पावर कॉरपोरेशन को प्रदेश की जनता की कितनी चिंता है इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्रामीण जनता को 24 घंटे बिजली नहीं मिलने वाली, भले ही वह अपना पावर हाउस बंद रखेंगे।
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि उत्तर प्रदेश में रोस्टर व्यवस्था लागू कर दी गई है। परिषद का कहना है कि पावर कारपोरेशन ने 3 जुलाई और 4 जुलाई के बीच में 6 अपने पावर हाउस को बंद कर दिया और रिजर्व शटडाउन दे दिया केवल इसलिए क्योंकि अगर पावर हाउस चलेंगे तो बिजली का क्या करेंगे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र को रोस्टर से ज्यादा बिजली देना नहीं है।
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि उत्तर प्रदेश में टांडा यूनिट 1 यूनिट 2 यूनिट 3 यूनिट 4 सभी इकाई 110 मेगावाट की है इसी प्रकार से हरदुआगंज यूनिट 7 यूनिट 8 जो क्रमश 105 मेगावाट हुआ 250 मेगावाट की है सभी को 8 जुलाई तक रिजर्व शटडाउन में रखा गया है जो अब तक का सबसे बडा चौकाने वाला मामला है सरकार राज्यों में बिजली का उत्पादन इकाई इसलिए लगती है क्योंकि उसे राज्य की जनता को बिजली देना होता है यहां उत्तर प्रदेश में बिजली बिजली उत्पादन इकाई को बंद इसलिए किया गया है क्योंकि उन्हें ग्रामीण को 24 घंटे बिजली नहीं देना है।
उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से ऊर्जा सेक्टर में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है कहां यह उत्तर प्रदेश के लिए चिंता का विषय की प्रदेश की जनता के लिए लगे पावर हाउस बंद किए जा रहे हैं लेकिन प्रदेश के ग्रामीण जनता को 24 घंटे बिजली नहीं दी जा रही है जिससे प्रदेश की जनता में काफी रोष व्याप्त है।
क्या बोले उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष:
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उत्तर प्रदेश में कल से लेकर आज तक छह उत्पादन इकाई को रिजर्व शटडाउन में रखा गया है जो अपने आप में चौंकाने वाला मामला है इससे उत्तर प्रदेश का जहां नुकसान हो रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में जनता त्राहि- त्राहि कर रही है कोई सुनने वाला नहीं है उत्तर प्रदेश अपनी बिजली दूसरे राज्यों को भेज देता है लेकिन उसे प्रदेश के जनता की कोई खबर नहीं है।
उपभोक्ता परिषद ने कहा इतने गंभीर मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार चुप है जो अपने आप में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है। अभी एक महीना पहले रोज पावर कॉरपोरेशन और ऊर्जा मंत्री की तरफ से नए-नए रिकॉर्ड पर प्रेस नोट जारी कर या बताने की कोशिश की जा रही थी कि उत्तर प्रदेश में बिजली पूरी तरह विकास का पहला मापदंड बन गया है लेकिन महज कुछ दिनों में ही सबकी कलई खुल गई और आज वह दिन आ गया कि उत्तर प्रदेश की जनता के लिए लगाया गया पावर हाउस प्रदेश की जनता के लिए ही काम नहीं आ रहा है और प्रदेश की जनता पसीना बहा रही है खाने को गांव में 18 घंटे बिजली का रोस्टर लागू है लेकिन इस समय गांव में आने को जनपदों में 10 घंटे में बिजली भी नहीं मिल पा रही है बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर ब्रेकडाउन हो रहे हैं कोई सुनने वाला नहीं है ज्यादातर अभियंता ट्रांसफर है वह अपने अभियान में लगे हैं पावर कॉरपोरेशन इस दिशा में कब सोचेगा या तो राम ही मालिक है।