लखनऊ, 02 नवम्बर: “बटेंगे तो कटेंगे।” इस नारे ने समाज और देश में जन जागरण का काम किया है। समाजवादी पार्टी समेत पूरे इंडी गठबंधन में एक निराशा का भाव है। एक बेचैनी है। इसी बेचैनी में अखिलेश यादव घबराकर रोज ट्वीट कर रहे हैं। इस नारे का निशाना सही जगह पर लग गया है। अखिलेश यादव ने जो पीडीए का गुब्बारा फुलाया था, उसमें इस नारे ने पिन चूभा दी है। उनको पता है कि उप चुनाव में उनकी करारी हार होने वाली है। इस कारण घबराहट में नये-नये झूठ गढ़े जा रहे हैं लेकिन इन झूठ की जाल में अब जनता नहीं फंसने वाली है। यह बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कही।
वे सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा सोशल मीडिया पर “उनका ‘नकारात्मक-नारा’उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है। इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वे भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं।..” दिये गये संदेश का जवाब दे रहे थे। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी यह भूल गयी है कि उसे परिवार तक सीमित होना पड़ा था। विधानसभा उपचुनाव में भी उसे जनता सबक सिखाएगी। जनता जान चुकी है कि अखिलेश यादव का पीडीए का नारा मात्र छलावा है। उन्हें तो सिर्फ एक धर्म विशेष की राजनीति करनी है।
मनीष शुक्ला ने कहा कि अपने खिसक रहे जनाधार से अखिलेश यादव घबरा गये हैं। इसका कारण है कि उन्होंने कभी संघर्ष तो देखा नहीं। वह तो सोने की चम्मच लेकर अवतरित हुए। वह लोगों के संघर्ष को कैसे समझ सकते हैं। यही कारण है कि वह सिर्फ बाटों और राज करो की नीति अपनाते हैं और किसी तरह उनको गद्दी चाहिए। इसके लिए राष्ट्र का अपमान करने में भी उन्हें कोई हिचक नहीं है। समाजवादी पार्टी हमेशा से आपसी झगड़ा कराकर ही अपनी राजनीति को चमकाती है। उसको किसी धर्म या जाति के विकास से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास की राजनीति करते हैं। इस विकास को देखकर विपक्ष घबरा गया है। कई दलों की घबराहट इतनी बढ़ गयी है कि वे कुछ भी बोलने से गुरेज नहीं करते लेकिन जनता सब जानती है। वह फिर सपा को शून्य पर लाकर खड़ी कर देगी।