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नींद आ जाए तो मज़ा आ जाए
मुद्दत से जागा हूं, सोया जाए
पाने की दौड़ में थक गया हूं
अब बारी है, सब खोया जाए
पाप की गठरी भारी हो गयी
बोझ इतना, कैसे ढोया जाए
बनावटी हंसी, कितनी हंसी जाए
अब सुकूं से थोड़ा रोया जाए
बंजर पड़ी रेतीली ज़िन्दगी में
चलो, सपनों के बीज बोया जाए