रिचार्ज तिथि के 7 -8 दिन पहले स्वता मीटर बंद होने से सिग्नल व कैमरे हो जाते बंद, लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के महाप्रबंधक परियोजना ने प्रबंध निदेशक मध्यांचल को लिखा पत्र कहा स्मार्ट मीटर हटाकर लगवाए पोस्टपेड मीटर
लखनऊ, 23 जनवरी, 2021: जहां पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर भार जंपिंग मीटर तेज चलने सहित जन्मास्टमी के दिन लाखो स्मार्ट मीटर विद्युत उपभोक्ताओ की बती गुल और आज तक कार्यवाही न होना संशय पैदा करता है। प्रदेश के आम उपभोक्ताओ की परेशानी अपनी जगह वही दूसरी ओर लखनऊ शहर की यातायात वयवस्था भी अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर की भेट चढ़ गयी है, हंगामा मचता देख लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के महाप्रबंधक परियोजना ने मध्यांचल के प्रबंध निदेशक सहित सभी अपने उच्चाधिकारियो से गुहार लगाई है कि जीनस मैक स्मार्ट प्रीपेड मीटर जो लखनऊ के 88 ट्रैफिक जक्सन पर लगाए गये है।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर रिचार्ज तिथि से 7 -8 दिन पहले स्वता बंद हो जाते हैं जिससे ट्रैफिक सिग्नल व कैमरे बंद हो जाते है जो जनसुरक्षा का मामला है। इसलिए अबिलम्ब प्रीपेड स्मार्ट मीटर के स्थान पर पोस्टपेड मीटर तत्काल लगवाया जाय और साथ ही जो पैसा जमा किया जाता है उसकी कोई जानकारी पोर्टल पर नहीं मिलती और विभागीय अभियंता मेसर्स एल एनं टी से संपर्क करने को कहते है सवाल यह है कि इसी प्रकार सब परेशान होते रहेगे और विभागीय उच्चाधिकारी कब तक कान में तेल डालकर बैठे रहेगे यह बहुत ही गंभीर मामला है।
इस मामले पर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के महाप्रबंधक परियोजना ने अपने पत्र में बहुत अधिक बिल आने का भी हवाला दिया है। जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर का बिजली बिल सरकारी विभाग नहीं भर पा रहे हैं तो फिर प्रदेश के 12 लाख स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओ का हाल क्या होगा ?
उन्होंने कहा कि जहाँ प्रदेश में हज़ारों स्मार्ट मीटर उपभोक्ता अपना कनेक्शन भी कटवा चुके है अभी राजधानी लखनऊ में कल एक खुलासा हुआ है कि दर्जनों स्मार्ट मीटर की रीडिंग पीछे हो गयी है सवाल उठना लाजमी है कि स्मार्ट मीटर की इस कारस्तानी का खामियाजा कब तक प्रदेश भुगतेगा।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद् लगातार प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री और ऊर्जा मंत्री और नियामक आयोग से गुहार लगा चुका है कि स्मार्ट मीटर परियोजना में बहुत ज्यादा खामिया हैं और दोषियों को बचाया जा रहा फिर भी उच्चाधिकारी स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनी व दोषियों को बचाने में लगे है जो बहुत ही निंदनीय है।