शैक्षणिक जिम्मेदारी पर उठे सवाल, प्रशासन से कार्रवाई की मांग
लखनऊ: बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में गुरुवार, 25 सितंबर 2025 को एक अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली, जब कई विभागों के प्रोफेसर अपनी कक्षाएं और शैक्षणिक जिम्मेदारियां छोड़कर कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने उनके कार्यालय पहुंच गए। इस कारण विश्वविद्यालय के कई विभागों में कक्षाएं ठप रहीं, और छात्रों को पढ़ाई के बजाय खाली बैठना पड़ा।
प्राप्त जानकारी और सूत्रों के मुताबिक, लाइब्रेरी साइंस, आईटी, फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन, पर्यावरण संकाय, प्रबंधन, मास कम्युनिकेशन, और विधि विभाग के अधिकांश शिक्षक कुलपति के कार्यालय में जमा हुए। इस दौरान कई विभागों में शैक्षणिक गतिविधियां लगभग बंद रहीं, जिससे छात्रों में भारी नाराजगी देखी गई।
छात्रों का गुस्सा: पढ़ाई पर असर, प्रोफेसरों की प्राथमिकता पर सवाल
छात्रों ने इस घटना को शैक्षणिक लापरवाही का उदाहरण बताते हुए गहरी निराशा जताई। एक छात्र ने कहा, “प्रोफेसर सेमिनार और गंभीर शैक्षणिक आयोजनों में नजर नहीं आते, लेकिन कुलपति को खुश करने में सबसे आगे रहते हैं। यह पढ़ाई के साथ खिलवाड़ है।” छात्रों का आरोप है कि कक्षाओं में अक्सर औपचारिकता निभाई जाती है, जिसका सीधा असर उनके शैक्षणिक भविष्य पर पड़ रहा है।
छात्रों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रोफेसरों की इस गैर-जिम्मेदाराना हरकत पर सख्त कार्रवाई की जाए और शैक्षणिक अनुशासन सुनिश्चित किया जाए। उनका कहना है कि प्रोफेसरों का प्राथमिक दायित्व पढ़ाना है, न कि औपचारिकताओं में समय बर्बाद करना।
विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी: फिलहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। छात्रों का कहना है कि यदि इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक नहीं लगाई गई, तो इसका दीर्घकालिक असर विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता पर पड़ सकता है।
बता दें कि यह घटना उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रोफेसरों की जवाबदेही और शैक्षणिक प्राथमिकताओं पर सवाल उठाती है। छात्रों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नीतिगत कदम उठाने की मांग की है।