- 18 जुलाई से शुरू होने वाले लोकसभा के मानसून सत्र में पदोन्नति में आरक्षण बिल पास कराने को लेकर देश के अनेकों राज्यों के आरक्षण समर्थक कार्मिक नेताओं के साथ संघर्ष समिति ने बनायी साझी कार्ययोजना
लखनऊ, 08 जुलाई। 18 जुलाई से शुरू होने वाले लोकसभा के मानसून सत्र में पदोन्नति में आरक्षण संवैधानिक संशोधन 117वां बिल पास कराने को लेकर चलाये जा रहे आन्दोलन की आज समीक्षा करते हुए आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उप्र ने देश के दूसरे राज्यों उत्तराखण्ड, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ के आरक्षण समर्थक कार्मिक नेताओं से बातचीत कर एक साझा कार्यक्रम बनाया है, जिसके तहत इन सभी राज्यों के दलित सांसदों को उनके राज्य के आरक्षण समर्थक नेता अपने अपने तरीके से ज्ञापन सौंपकर पदोन्नति में आरक्षण बिल पास कराने के लिये दबाव की रणनीति बनायेंगे।
वहीं दूसरी ओर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने जिलेवार सम्मेलनों की घोषणा भी कर दी है। प्रदेश के सभी जिला संयोजकों को यह निर्देश दे दिये गये हैं कि वह अपने जनपद में आरक्षण बचाओ सम्मेलन की तिथि घोषित कर व्यापक आन्दोलन को और तेज बनायें। संघर्ष समिति के नेताओं ने एक बार फिर उप्र सरकार से आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 3(7) को 15-11-1997 से बहाल कराने की मांग उठायी है।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उप्र के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा, डा. रामशब्द जैसवारा, आरपी केन, अनिल कुमार, अजय कुमार, श्याम लाल, अन्जनी कुमार, प्रेम चन्द्र, लेखराम, पीपी सिंह, अशोक सोनकर, जितेन्द्र कुमार, राजेश पासवान, प्रभुशंकर राव, श्रीनिवास राव, अमित कुमार, अरविन्द फोर्सवाल, सुनील कनौजिया, राहुल ने कहा कि अब समय आ गया है कि करो मरो की तर्ज पर पदोन्नति में आरक्षण संवैधानिक संशोधन लम्बित बिल को पास कराने को लेकर प्रदेश के सभी 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों को अपना शत-प्रतिशत योगदान देते हुए आन्दोलन को और व्यापक बनाना है।
जिस प्रकार से केन्द्र की मोदी सरकार पिछले 4 वर्षों से ज्यादा आरक्षण समर्थक कार्मिकों को पूरे देश में बेवकूफ बना रही है। उससे यह सिद्ध हो गया है कि केन्द्र की मोदी सरकार को आरक्षण से कोई लेना देना नहीं है। जिस प्रकार से पूरे देश में दलित कार्मिकों को हाशिये पर रखकर सरकारों ने उनका उत्पीड़न किया है। अब समय आ गया है देश के सभी वह राज्य जहां पर आरक्षण समर्थक कार्मिकों का शोषण हुआ है वह एकजुट होकर वोट की चोट से 2019 में अपने अपमान का हिसाब बराबर करें।