वांग बने उपराष्ट्रपति
बीजिंग,18 मार्च। शी जिनपिंग को फिर से अगले पांच और साल के लिये चीन का राष्ट्रपति चुन लिया गया है। रबर स्टांप मानी जाने वाली चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति के कार्यकाल पर लगी समय सीमा खत्म करते हुये उन्हें आजीवन राष्ट्रपति बनने की मंजूरी दे दी थी। शी को चीन की ताकतवर सेंट्रल मिलिट्री कमिशन का भी प्रमुख चुना गया, जिसके अंदर चीनी सेना आती है।
11 मार्च को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस( एनपीसी) के 2900 से अधिक सांसदों ने राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के दो कार्यकाल की समय सीमा खत्म करने के मकसद से सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी( सीपीसी) की ओर से प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन के लिये मतदान किया था। दो बार के कार्यकाल पर समय सीमा लगने के कारण शी को वर्ष 2023 तक सीपीसी प्रमुख, सेना एवं राष्ट्रपति के तौर पर सेवानिवृत्त होना था। शी वर्ष 2013 में राष्ट्रपति बने थे।
माओ के निधन के बाद पार्टी ने दो बार के कार्यकाल पर समय सीमा लगाने को स्वीकृति दी थी। ताकि यह सुनिश्चित हो कि भीषण सांस्कृतिक क्रांति जैसी गलतियों को टालने के लिये एक समग्र नेतृत्व सुनिश्चित किया जा सके। इस क्रांति में लाखों लोग मारे गये थे। सांसदों ने सर्व सम्मति से शी को राष्ट्रपति चुना, वहीं वांग किशान को एक के मुकाबले 2969 मतों से उपराष्ट्रपति चुना गया।
प्रधानमंत्री ली केकियांग को छोड़कर सेंट्रल बैंक के गवर्नर के अलावा समूचे कैबिनेट सहित सभी शीर्ष पदों पर नये अधिकारी होंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी को पदोन्नति देकर स्टेट काउंसलर बनाने की संभावना है। यह भारत के दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है।
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