बिजली चोरी में छूट देने के बाद भी योजना क्यों नहीं भर पाई उड़ान
लखनऊ, 20 दिसम्बर: उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगमों की सबसे बडी महत्वाकांक्षी योजना ‘एक मुस्त समाधान योजना’ 2021 से लेकर 2023 तक के बीच में लगभग 4 बार यह योजना लायी गयी। इससे पहले 2021 में जब 1 मार्च 2021 से 15 अप्रैल 2021 के बीच ‘एक मुस्त समाधान योजना’ घरेलू व किसानों के लिए 100 प्रतिशत अधिकार माफी योजना लाई गई। उस समय इसका लाभ लगभग 36 लाख 11789 उपभोक्ताओं ने लिया और जो कुल राशि जमा हुई, वह रुपया 5033 करोड थी जो शायद अब तक की सबसे सफल अधिभार माफी योजना थी।
इसके बाद वर्ष 2021 में 21 अक्टूबर 2021 से 31 जनवरी 2022 के बीच में यह योजना घरेलू किसानों व 2 किलो वाट तक के वाणिज्यिक विद्युत उपभोक्ताओं के लिए फिर से लाई गई, उस समय 37 लाख 61475 उपभोक्ताओं ने इसका लाभ लिया और कुल लगभग 2584 करोड रुपया जमा हुआ।
इसके बाद वर्ष 2022 में 1 जून 2022 से 30 जून 2022 के बीच में पुनः यह योजना घरेलू किसानों व 2 किलो वाट तक के लिए वाणिज्यिक विद्युत उपभोक्ताओं के लिए लाई गई। उस समय 38 लाख 12889 विद्युत उपभोक्ताओं ने इसका लाभ लिया और कुल 2890 करोड़ रुपया जमा हुआ और अब बात करते हैं वर्ष 2023 में एक मुस्त समाधान योजना की तो इस बार घरेलू वाणिज्यिक निजी संस्थान औद्योगिक और बिजली चोरों के लिए भी यह योजना लाई गई। इसके बावजूद 8 नवंबर से लेकर 19 दिसंबर 2023 तक जो इस योजना का लाभ अभी तक जो कुल विद्युत उपभोक्ताओं ने लिया है, वह लगभग 34 लाख 75760 है और कुल राजस्व जो अभी तक जमा हुआ वह रुपया 3445 करोड़ है उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि वैसे अभी योजना 31 दिसंबर 2023 तक चलनी है सबसे बडी चिंता की बात यह है कि बिजली चोरों के लिए छूट देने के बाद भी यह योजना जितनी सफल होनी चाहिए थी नहीं हुई इस पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उपभोक्ता परिषद ने वर्ष 2021 से लेकर वर्ष 2023 तक चार बार एक मुस्त समाधान योजना का जब आकलन किया तो पाया कि पहले की एक मुस्त समाधान योजना ज्यादा सफल थी, जिसमें बिजली चोरों को कोई छूट नहीं दी गई थी।
इस बार एक मुस्त समाधान योजना के साथ बिजली चोरों को भी लाभ दिया गया फिर भी अपेक्षित सफलता क्यों नहीं मिली, इस पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को गंभीरता से विचार करना होगा उन्होंने कहा कि और सबसे बडा सवाल यह है कि बिजली चोरी पर जो अभियान चल रहा था। उस पर भी बड़ा धक्का लगा है जिसका खामियाजा आगे भी बिजली कंपनियों को भुगतना पडेगा। इसलिए आगे से बिजली कंपनियों को और पावर कारपोरेशन को ऐसी योजना ही लाना चाहिए जिससे प्रदेश के ऊर्जा सेक्टर का विकास ज्यादा से ज्यादा हो पाए।