दुधवा से अनुराग प्रकाश के अद्भुत संस्मरण
जंगल किनारे जैसे ही शाम होने लगती है लोग अपने अपने घरों की ओर रुख कर देते है और वक़्त होता है जानवरों के मूवमेंट का। मेरा croc camp थोड़ा सा गांव से हट कर है और गन्ने के खेतों से घिरा हुआ।
अंधेरा होते ही एक सियार की आवाज़ आती है और फिर सारे साथी मिलाते है ताल में ताल:
शाम होते ही पहले रैकेट टेल्ड drongo कैंपस में इधर उधर उड़ कर शाम की आमद दर्ज कराता है अक्सर फिर वही जानी पहचानी आवाज़ काफल पाको………. और कुक्कू की इस आवाज़ के साथ ही अंधेरा गहराने लगता है। फिर पूर्ण अंधेरा होते ही कही दूर से एक सियार की आवाज़ आती है और फिर सब ताल में ताल मिलाते है । कुछ तो बिल्कुल हमारे कैंपस से ही बोलने लगते है ऐसे में हम चलते हुए दरवाज़े के पास पहुच जाते है । ये डर की पहली दस्तक है।
कुछ देर बाद फिश ईगल की आवाज़ आनी शुरू होती है जो बड़ी अजीब व डरावनी होती है । अंधेरा होते ही प्रकृति का म्यूजिक शुरू हो जाता है और हमारे पीपल के नीचे छोटी छोटी लाइट के बल्ब यानी जुगनू इधर उधर मंडराने लगते है।
रात 9 बजे तक बाहर बैठ कर हम इन आवाज़ों व कैंपस में इधर उधर भाग कर पानी के लिए आते सियार, बिज्जू व साही का मूवमेंट देखते है । इसी बीच कुछ अजीब आवाज़ होने या सुनाए देने पर जब चौंक जाते है तो फिर अपने को तस्सली देते है कुछ नही था वहम हुआ होगा।
रात 9 बजे के बाद हम बरामदे में जाल के अंदर बैठ जाते है और गर्मागर्म खाना लग जाता है उस माहौल में खाने का मज़ा ही अलग है। खाना खाने के बाद टोर्च लेकर बरामदे के बाहर थोड़ी चहलकदमी जल्दी जल्दी करके सीधे अपने बिस्तर पर। थोड़ी देर में झपकी आने लगती है।
तभी दूर जंगल से चीतल के काल आती है मानो उसने अपने मौत यानी बाघ, तेंदुआ या बड़े अजगर को देख लिया हो वो शोर धीरे धीरे बढ़ता जाता है और आपके मन मे उस दृश्य की एक काल्पनिक छवि बनने लगती है। और कुछ देर बाद सब फिर शांत हो जाता है और आप नींद में डूब जाते है तभी कदम का कोई बड़ा फल टिन शेड पर गिरता है जिसकी आवाज़ सन्नाटे में गूंज जाती है आपकी आंख खुल जाती है तभी खिड़की के पास से ही कभी कभी सियार हुँकने लगता है तो कलेजा मुँह को आ जाता है।
इसी सब मे सुबह के 3 बज जाते है और तब इतनी भयंकर नींद आती है कि अब आप को कुछ पता नही चलता कि क्या हो रहा है बाहर। और सुबह 5 से 6 के बीच शरीर को असीम संतुष्टि देने वाली हवा का ऐसा झोंका आता है कि आप खिड़की खोलने को विवश हो जाते है और खिड़की खोलते है आप संमोहित हो जाते है सुबह का नज़ारा व चिड़ियों की आवाज़ सुनकर। चाहकर भी आप बिस्तर पर नही लेट सकते और उठकर उस बेहतरीन मंज़र व माहौल का मज़ा लेने के लिए बाहर निकल आते है। कुछ ऐसी रात होती है हमारे croc camp की न भूलने वाली यादगार ।