पूर्वांचल से ही सपा को ज्यादा उम्मीद, वहां भाजपा की बढ़ी सक्रियता से सपा को लग सकता है झटका
प्रदेश में जैसे-जैसे राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा शिलान्यास व लोकार्पण का सिलसिला बढ़ रहा है, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की घबराहट बढ़ती जा रही है। हर लोकार्पण व शिलान्यास को अपना बताने से वे नहीं चूकते। अभी एक सप्ताह पूर्व तो उन्होंने इतना तक कह दिया कि एक भी अपना काम भाजपा बता दें, जो उसने अपनी सोच के अनुसार शिलान्यास किया और उसका लोकार्पण कर दिया हो।
विकास कार्यों पर अखिलेश यादव के बौखलाहट भरे बयान बता रहे हैं कि वे विकास कार्यों के मुद्दे पर भाजपा से हमेशा स्वयं को आगे दिखाना चाहते हैं और इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन भाजपा ने पूरे प्रदेश के साथ ही उनके घर में भी विकास कार्यों के साथ ही विश्वविद्यालय की नींव रखकर उनकी बौखलाहट को और बढ़ा दिया। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में ही उनकी घेराबंदी करते हुए यहां तक कह डाला कि आपके सासंद कोरोना काल में आपका हालचाल भी लेने नहीं आये। हम आपके लिए विकास का मार्ग लेकर आये हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की लोकार्पण पर तो अखिलेश ज्यादा बौखला गये। इसका कारण रहा, उनका रथ रोका जाना। पहले सपा की योजना थी कि प्रधानमंत्री से पूर्व ही अखिलेश यादव गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण कर देंगे लेकिन प्रशासन ने रैली पर रोक लगाकर उनके मसूंबों पर पानी फेर दिया। जिस दिन आजमगढ़ में अमित शाह का कार्यक्रम था, उस दिन अखिलेश यादव ने योगी के क्षेत्र गोरखपुर में कार्यक्रम का स्थान चुना था।
पूर्वांचल में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से अखिलेश यादव की घबराहट का मुख्य कारण उसकी उम्मीदों पर पानी फिरना भी समीक्षक कारण मान रहे हैं। पूर्वांचल में सपा का अच्छा जनाधार रहा है। पिछले भाजपा की लहर के बावजूद आजमगढ़ में सिर्फ एक सिट छोड़कर सभी सपा के खाते में गयी थीं, जबकि गाजीपुर, बलिया, मऊ आदि जिलों में भी समाजवादी पार्टी अपनी कई सीटें निकालने में कामयाब रही थी। यदि भाजपा उधर सक्रियता बढ़ाती है तो समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यही कारण है कि अखिलेश यादव की घबराहट बढ़ रही है।
अभी सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को 16 नवम्बर को गाजीपुर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर होने वाले कार्यक्रम को रोके जाने के बाद सपा मुखिया ने सोमवार को तीन ट्वीट किये। पहले ट्वीट में उन्होंने स्वयं द्वारा उद्घाटन किये जाने की तस्वीर उन्होंने साझा की।
उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा “एक तस्वीर इतिहास के पन्नों से : जब समाजवादियों ने किया था, पूर्वांचल के आधुनिक भविष्य के मार्ग का शिलान्यास। जिसने उप्र व पूर्वांचल के विकास का नक़्शा खींचा वो बीता कल हमारा था और अब ‘नव उप्र’ के लक्ष्य को लेकर चल रहा कल भी हमारा ही होगा। यूपी का विकास होगा बाइस में बदलाव होगा।”