बोले:ऐसे मेडल को लेकर क्या करूंगा जब मेरे दलित भाइयों को विश्वविद्यालय में हीन भावना से देखा जाता हो: रामेंद्र नरेश
लखनऊ 12 दिसम्बर। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में लगातार हो रहे दलित उत्पीड़न से क्षुब्द्ध होकर एक होनहार दलित छात्र ने 15 दिसंबर 2017 को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में भारत के कुलपति महोदय से गोल्ड मेडल नहीं लेने का मन बना लिया है। यह छात्र कंप्यूटर विषय में परास्नातक कक्षा में अव्वल आने के बाद गोल्ड मेडल के लिए चुना गया हैं।
जानकारी के अनुसार यह मेधावी छात्र बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अन्याय पूर्ण निष्कासित किए गए 8 दलित छात्रों में से एक छात्र है। श्री रामेंद्र नरेश कंप्यूटर विषय में परास्नातक कक्षा में अव्वल आने के बाद गोल्ड मेडल के लिए चुने गए हैं, परंतु रामेंद्र नरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय में लगातार हो रहे दलित उत्पीड़न के कारण उनका मन व्यथित है और इस उत्पीड़न के न रुकने के कारण दलित छात्र और दलित प्रोफ़ेसर दोनों परेशान हैं।
रामेंद्र नरेश ने आगे कहा कि मैं ऐसे मेडल को लेकर क्या करूंगा जब मेरे दलित भाइयों को विश्वविद्यालय में हीन भावना से देखा जाता है और उनको विभिन्न ढंग से प्रताड़ित किया जाता है। ऐसे में मेरा गोल्ड मेडल ना लेना अपने आप में मेरे भाइयों के त्याग के लिए की जाने वाली कुर्बानी है। मैं विश्वविद्यालय द्वारा मेडल तभी स्वीकार करुंगा जब विश्वविद्यालय के साथ-साथ संपूर्ण भारत में दलितों को सम्मान और बराबरी की दृष्टि से देखा जाएगा।