बच्चों की किताबें, ड्रेस और शिक्षा पर जीएसटी की दर हो कम
पटना, 10 अगस्त, 2018: सांसद पप्पू यादव ने कहा है कि जीएसटी की तरह शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी एक समान होनी चाहिए। पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि जब देश में एक जीएसटी हो सकती है तो समान शिक्षा और समान स्वास्थ्य सेवाएं की बात क्यों नहीं की जाती हैं।
श्री यादव ने कहा कि बिहार को जीएसटी की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार ने जीएसटी की कई दरों का निर्धारण किया है। किसान सर्वाधिक पेट्रोल, डीजल, बीज व खाद का इस्तेमाल करते हैं। उस पर जीएसटी की क्या स्थिति है। दूध पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया है। जीएसटी की दरों में ऐसी असमानता किसी और देश में नहीं है।
सांसद ने कहा कि बच्चों की किताबें, ड्रेस और शिक्षा पर जीएसटी की दरें कम होनी चाहिए। इसके साथ ही भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए जरूरी है कि नैतिक शिक्षा पर बल दिया जाए। व्यक्तित्व का निर्माण सही दिशा में किया जाये। उन्होंने कहा कि 75-80 फीसदी लोग असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं। इनकी बेहतरी के लिए कुछ नहीं किया गया, जबकि जीएसटी का लाभ भी बड़े व्यापारियों को मिलेगा।
सांसद ने मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड की चर्चा करते हुए कहा कि अधिकारियों, दलालों और एनजीओ की मिली भगत से देशभर में बाल आश्रय गृह यौन उत्पीड़न के केंद्र बन गये हैं। देश के विभिन्न राज्यों के आश्रय गृहों में यौन उत्पीड़न की घटनाएं उभर का आ रही हैं। जन अधिकार पार्टी (लो) महिलाओं के सम्मान के लिए संघर्ष करती रहेगी और संसद से सड़क तक आवाज उठाती रहेगी।