अब यहां यह सवाल इसलिए उठा क्योंकि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को एक सम्मेलन में साफ कहा कि माल्या जी चोर नहीं है बल्कि वे एक गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। गडकरी ने आगे और स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी तक मल्ल्या 40 साल से नियमित रूप से ब्याज चुका रहे थे और जब वह एविएशन में गया, तो अड़चन में आ गया, तब वह चोर हो गया! उन्होंने कहा कि जो आदमी 50 साल से ब्याज चुकाता आ रहा है तब तक वह ठीक है और एक बार जब और डिफॉल्ट हो गया तो चोर हो गया। ऐसा सोचना ठीक नहीं! यह सही मानसिकता नहीं है।
अब गौर करें तो गडकरी केंद्र की सत्ता से जुड़े कोई साधारण कार्यकर्ता या नेता नहीं है बल्कि केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण विभाग संभालने वाले कैबिनेट मंत्री हैं। अब अगर वह भारतीय बैंकों के नौ हज़ार करोड़ के कर्जदार उद्योगपति विजय माल्या के लंदन भाग जाने के बाद उसके प्रति ऐसी सहानुभूति और तरफदारी कर रहे हैं तो उनके बयान को हवा में तो नहीं उड़ाया जा सकता है और यह सहानुभूति स्थानीय अदालत ने मल्ल्या के भरा भारत प्रत्यपर्ण की इजाजत भी दे दी है।
यहां गौर करने की बात यह है कि माल्या वह शक्श है जिसे जांच एजेंसी और भारत की अदालत ने भगोड़ा करार दे रखा है जिसकी सम्पत्तियाँ कुर्क की जा रही हैं और हर तरह से बैंकों का फंसा हुआ पैसा निकलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जांच के लिए मल्ल्या को भारत लाने के लिए जांच एजेंसियों को अदालतों के चक्कर पर चक्कर काटने पड़े। भारत सरकार हलकान हो गयी। फिर भी माल्या ने जांच में सहयोग करने के बजाय हमेशा धौंस पट्टी ही दिखाई।
जाहिर है कि उसकी नियत ही साफ़ नहीं थी तभी वह देश छोड़कर लंदन भाग गया। उसने हमेशा हर नोटिस पर पैसा चुकाने से इनकार किया और मामले को कानूनी जाल में फंसा कर लंबा खींचने की कोशिश की। अब इन सब बातों का जवाब तो गडकरी जी को ही देना चाहिए कि आखिर अब माल्या को चोर कहने से उन्हें ऐतराज क्यों है? सवाल यह भी कि जानबूझकर बैंकों का पैसा न चुकाने वाले के प्रति सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री की ऐसी सहानुभूति का कारण क्या है?
अगर सच में माल्या सहानुभूति का हकदार है। तो नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने भी तो बैंकों का हजारों करोड़ों रुपए हजम कर लिया है। क्या वह सहानभूति के हक़दार हैं और चोर नहीं है मेहुल चौकसी के खिलाफ हाल ही में इंटरपोल ने रेड कार्नर नोटिस जारी किया है अब मंत्री जी ही बताएं कि जो व्यक्ति अदालतों की नजर में भगोड़ा है उसे चोर नहीं तो और क्या कहा जाना चाहिए?