Close Menu
Shagun News India
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Friday, November 7
    Shagun News IndiaShagun News India
    Subscribe
    • होम
    • इंडिया
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • राजस्थान
    • खेल
    • मनोरंजन
    • ब्लॉग
    • साहित्य
    • पिक्चर गैलरी
    • करियर
    • बिजनेस
    • बचपन
    • वीडियो
    Shagun News India
    Home»ब्लॉग»Current Issues

    बर्बादी के दौर से गुजरता श्रीलंका

    ShagunBy ShagunApril 9, 2022 Current Issues No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp
    Post Views: 507

    जी के चक्रवर्ती

    आज श्रीलंका सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। श्रीलंका को वर्ष 1948 में जब यूनाइटेड किंगडम से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई है तब से पहली बार श्रीलंका इतने बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। दरअसल चीन ने योजना बद्ध तरीके से उसे अपने कर्ज के जाल में फंसाया।

    आखिर ऐसा क्या हो गया कि एक खुशहाल देश वर्ष भर के अंदर ही बदहाली के चरम सीमा पर पहुंच गया। सालभर पहले जब श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 5 अरब डॉलर से अधिक हुआ करता था आज उसका विदेशी मुद्रा भंडार1 अरब डॉलर तक जा पहुंचा है।

    दरअसल श्रीलंका में कोरोना के कारण पहले से ही आर्थिक हालात खराब थे और ऊपर से वहां की सत्तासीन सरकार द्वारा उठाये गए उटपटांग आदेशों ने आग में घी डालने जैसा काम किया जब श्रीलंका सरकार ने यह घोषणा कि अब से श्रीलंका पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती करके ऑर्गेनिक फसलें पैदा करेगा। उसके बाद श्रीलंका सरकार ने कीटनाशकों एवं उर्वरोकों पर रोक लगाने के बाद चीन से घटिया दर्जे के ऑर्गेनिक खाद अपने देश मे आयात कर लिया जिसके फलस्वरूप यह हुआ कि सही उरवर्क की कमी की वजह एक तो फसलों को कीड़े खा गए और पैदावारी भी बहुत कम हुई ऊपर से सोने पे सुहागा श्रीलंका ने अपने देश मे विदेशों से आयातित पाम ऑयल पर भी रोक लगा दिया।

    श्रीलंका के आज की हालात के लिए स्वयं श्रीलंका सरकार जितना जिम्मेदार है उससे कहीं अधिक चीनी कर्ज है। कर्ज के जाल में फंसकर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह घ्वस्त हो गई है यहां तक कि लोग खाने-पीने के सामानों के लिए भी मोहताज हो गये हैं।

    एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने श्रीलंका को 4.6 अरब डॉलर का कर्ज दिया था। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष साल 2019 में श्रीलंका पर चीनी कर्ज बढ़कर सकल राष्ट्रीय आय का 69 फीसदी तक हो गया।

    खैर आज की स्थिति के लिए मुख्य कारणों में यहां आवश्यक सामानों का आयात बाधित होने के कारण श्रीलंका में इस समय महंगाई अपने चरम पर जा पहुंची है जिसके कारण यहां की आम जनता दंगा-फसाद तक करने पर उतारू हो गई है। ऐसी स्थिति के मद्देनजर श्रीलंका में आपातकाल लगने से पूरे देश मे 36 घंटों तक का देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिये जाने के कारण यहां प्रत्येक तरह की वस्तुओं की किल्लत से हाहाकार मच गया था थोड़ा स्थिति संभलते ही 5 अप्रैल मंगलवार 2022 के दिन यहां पर कर्फ्यू उठा लिया गया।

    भारी आर्थिक समस्या से घिरे श्रीलंका को मदद पहुंचने के लिए भारत की ओर से एक अरब डॉलर का क्रेडिट लाइन देने के बावजूद श्रीलंका अपनी आर्थिक संकट से नही उबर पा रहा है। दरअसल रुपयों में भुगतान करने को लेकर समस्या पैदा होने इस मदद में व्यवधान उपन्न हो रही है।

    बंदरगाह पर फंसे आवश्यक खाद्य सामग्रियों से भरी लगभग 1500 कंटेनरों के लिए एक अरब डॉलर तक की भुगतान होने से श्रीलंका भारतीय अधिकतम ऋण सीमा का उपयोग भी न कर पाने के कारण जो स्थिति बनी है वह तो अलग है ऊपर से कुछ शिपर्स भारतीय रुपये में भुगतान स्वीकार करने के लिए तैयार भी नहीं हैं।

    वहीं अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट के कारण आयातित खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कम से कम 30 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इस भारी बढ़ोतरी के कारण इस तरह के जरूरी सामानों की पहुँच लोगों से दूर होने के कारण इसका बुरा प्रभाव श्रीलंका पड़ना स्वाभाविक है।

    यहां पर वस्तुओं की थोक बाजार में कीमतों में बेतहाशा व्रद्धि होने से दाल की कीमत बढ़कर 375 से 380 रुपये किलो तक जा पहुंची है। वहीं चीनी, चावल और सब्जी मसालों की बात करें तो अन्य वस्तुओं की कीमतों में भी इसी तरह से बड़ी वृद्धि हुई है।

    वहीं श्रीलंका में खाना पकाने वाली गैस और बिजली की कमी के कारण अनेक बेकरीयां, दुकानों से फैक्ट्रियों तक में उत्पादन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। यहां के साधारण जनता को एक डबल रोटी के पैकेट के लिए 0.75 डॉलर (150) रुपये चुकता करना पड़ रहा है। केवल यहीं नहीं इस समय एक चाय के लिए भी लोगों के 100 रुपये तक अदा करना पड़ रहा हैं।

    Shagun

    Keep Reading

    बिहार की सियासी उथल-पुथल और यूपी पर मंडराता असर

    खत्म होती रिश्तों की अहमियत: एक सामाजिक संकट

    https://x.com/i/status/1984157750151279022

    प्रकृति की चेतावनी: जानवरों के संकेतों को सुनना क्यों जरूरी है

    प्रकृति और एकता का प्रतीक है छठ का व्रत

    दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा नकली ENO बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़

    नकली दवाओं का जहर: देश की सेहत पर सवाल

    स्लीपर बसें: चलता फिरता मौत का सफर…

    Add A Comment
    Leave A Reply Cancel Reply

    Advertisment
    Google AD
    We Are Here –
    • Facebook
    • Twitter
    • YouTube
    • LinkedIn
    NUMBER OF VISITOR
    475344
    Visit Today : 2403
    Visit Yesterday : 5080
    Total Hits : 7247437

    EMAIL SUBSCRIPTIONS

    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading
    About



    ShagunNewsIndia.com is your all in one News website offering the latest happenings in UP.

    Editors: Upendra Rai & Neetu Singh

    Contact us: editshagun@gmail.com

    Facebook X (Twitter) LinkedIn WhatsApp
    Popular Posts
    120 Bahadur trailer launch

    120 बहादुर का ट्रेलर लॉन्च : तुम्हारी आँखों में देश है, मेरे हाथों में दवा।

    November 7, 2025
    A unique story of a mother's sacrifice, she gave her life to save her child.

    माँ के त्याग की अनुपम कहानी, बच्चे को बचाने के लिए दी अपनी जान

    November 6, 2025
    New hope for small farmers Arya AG's Smart Farm Centers bring data revolution to farms, launch of 25 centers

    छोटे किसानों की नई उम्मीद: आर्या.एजी के स्मार्ट फार्म सेंटर्स से खेतों में डेटा क्रांति, 25 केंद्रों का शुभारंभ

    November 6, 2025
    Bihar Assembly Elections 2025: 64.46% voter turnout in first phase, most places peaceful

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पहले चरण में 64.46% मतदान, अधिकांश जगह शांतिपूर्ण, EC ने दी साफ चेतावनी

    November 6, 2025
    RJD leader Khesari Lal Yadav's jibe at the Ram Temple, "Will I become a professor after studying there

    RJD नेता खेसारी लाल यादव का राम मंदिर पर तंज “वहां पढ़कर मैं प्रोफेसर बन जाऊंगा?” विवाद गहराया, BJP ने कहा “आस्था का अपमान”

    November 6, 2025

    Subscribe Newsletter

    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading
    Privacy Policy | About Us | Contact Us | Terms & Conditions | Disclaimer

    © 2025 ShagunNewsIndia.com | Designed & Developed by Krishna Maurya

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Newsletter
    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading